मुबारकपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय थाना अंतर्गत लाईब्रेरी से अपहरण कर ग्राम गजहड़ा में एक नाबालिक के साथ सवा महीने पहले दुराचार अपहरण, लूट की घटना थाने में दर्ज होने के बावजूद भी आज तक पुलिस कान में तेल डाले हुए पड़ी है। जबकि अभियुक्त आयेदिन पीड़ित परिवार को जानमाल की धमकी दे रहा है। पीड़ित परिवार अपराधियों की गिरफ्तारी न होने से दहशतजदा है। पुलिस की कार्यवाही शून्य होने के चलते परिवार में रोष व्याप्त है।
थाना क्षेत्र निवासी एक 15 वर्षीय बालक बीते 15 मई की शाम कैरियर कोचिंग लांचर मुबारकपुर में अपनी पढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान कुछ युवक आए और उसे बुलाकर मुबारकपुर से 3 किलोमीटर दूर गजहड़ा गांव के निर्जन स्थान पर ले जाकर उक्त बालक की मोबाइल भी छीन लिया और मारपीट कर अवयस्क के साथ दुराचार किया। परिवार से 70 हजार की फिरौती मांगी। उक्त मांग को पूरा न करने पर हत्या करने की धमकी दी। घटना की सूचना तत्काल थानाध्यक्ष निहार नंदन को दी गई। पुलिस सहित पारिवारिक जन उक्त बालक को रात्रि भर ढूंढते रहे परंतु अपहरणकर्ता बालक के पिता को फोन कर सूचना दी। उक्त फोन बालक का मोबाइल मुख्य अभियुक्त राजन, हक्कू, आदित्य यादव द्वारा मारपीट कर छीन लिया और आज तक मोबाइल मुख्य अभियुक्त के पास है। परिजनों द्वारा बार-बार स्थान पूछने पर अपहरणकर्ता बन्धक बनाने वाले स्थान को अभियुक्तों ने नहीं बताया और कहते रहे कि तुम्हारे लड़के को हम लोग सुधार कर तुम्हारे घर पहुंचा देंगे। उक्त रात्रि बालक की खोजबीन होने के बावजूद भी लड़का नहीं मिला और 16 मई को सुबह उक्त गांव के कुछ लोग उधर से गुजरते समय अर्ध मृतक हालत में जमाली के नवनिर्मित विद्यालय के पास पड़ा पाया। कुछ लोगों के सहयोग से सरकारी अस्पताल में लाकर कर उक्त बालक को चिकित्सालय में दवा उपचार किया गया। चिकित्सको के अनुसार गम्भीर अवस्था में समुचित उपचार कर परिजनों को सौंप दिया गया। परिजन बार-बार थाने के चक्कर लगाते रहे और कोई कार्रवाई नहीं हुई।
28 मई को पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से सम्पर्क किया तो उन्होंने मुबारकपुर थानाध्यक्ष को मेडिकल परीक्षण कराकर मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दिया। तब मुबारकपुर की पुलिस ने 29 मई को मेडिकल परीक्षण कराया परन्तु मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ। लेकिन 9 जून 25 को पाक्सो सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ।
अब परिजनों को डर सता रहा है कि मुख्य अभियुक्त राजन पुत्र ललसू मोबाइल छीन कर कम्प्यूटर से फर्ज़ी कागजात सबूत तैयार कर अपने बचाव में एक 18 वर्षोंय युवती के साथ मनगढ़ंत हरकतों का उल्लेख करते हुए मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश प्राप्त कर लिया गया है। लगभग सवा महीने बीतने जाने के बाद भी अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। पुलिस न तो बालक की मोबाइल आज तक बरामद किया और न अभियुक्तों के खिलाफ कोई कारवाई की। पुलिस की इस चुप्पी से परिजनो एवं संगे संबंधी दहशतजदा हैं। अभियुक्त आयेदिन परिजनों को तरह-तरह की धमकी दें रहे हैं। पीड़ित ने जिले के उच्चाधिकारियों, क्षेत्राधिकारी से इस मामले का तत्परता से संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की गुहार लगायी है।
रिपोर्ट-मनीष श्रीवास्तव