लालगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कभी अंग्रेजों के रुकने का स्थान रहा देवगांव के लोक निर्माण विभाग का अर्धनिर्मित विश्राम गृह तरफकाजी ग्रामसभा में स्थित है। इसे स्थानीय लोग अपनी भाषा में डाक बंगला नाम से जानते हैं। इसके साथ यह गेस्ट हाउस या अतिथि गृह के रूप में भी जाना जाता है। यह आज अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है। करोड़ों की लागत लगने के बाद भी इस समय यह इस हालत में नहीं है कि यहां कोई रूक सके।
कभी माननीयों के रुकने का यह स्थान आज पूरी तरह वीरान पड़ा है और काफी संख्या में यहां जंगली पेड़ तथा घास फूस उग आए हैं। हां, पुरानी अंग्रेजों के जमाने की निर्मित बिल्डिंग अभी कुछ ठीक ठाक है लेकिन इसके भी रखरखाव की जरूरत महसूस हो रही है। यह भी अब जर्जर होती जा रही है। नयी बिल्डिंग बिना जंगला, दरवाजा के अर्धनिर्मित खड़ी देखने में तो बाहर से आलीशान लग रही है लेकिन वर्षों से काम के न होने के परिणाम स्वरूप इसकी हालत काफी दयनीय होती जा रही है और अब माननीय तथा अधिकारी तो क्या, आम आदमी भी यहां रुकना पसंद नहीं करेगा।
तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर ने 27 दिसंबर 2008 को इसका शिलान्यास किया था लेकिन काफी काम हो जाने के बाद 2009-10 से बजट के अभाव में काम को रोक दिया गया। इसके बाद कोई इसकी सुधि लेने नहीं आया और यह आज अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है। लालगंज के पूर्व ब्लाक प्रमुख मास्टर अलीम बेग ने बताया कि जो भी धन इसमें व्यय हुआ है उसका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि अब देखने में ऐसा लग रहा है कि उद्घाटन से पूर्व ही यह निर्माणाधीन बिल्डिंग धराशाई हो जाएगी। उन्होंने मांग की है कि इसकी जांच कराकर इसका निर्माण पूर्ण कराने के लिए बजट आवंटित किया जाना चाहिए। ताकि जो करोड़ों रुपया इसमें खर्च हो चुका है उसका सदुपयोग हो सके।
लोक निर्माण विभाग की ओर से तीन चौकीदारों की यहां नियुक्ति की गई है जो अपनी ड्यूटी निभाते हैं। लेकिन वह बताते हैं कि इस विश्रामगृह से उनका लेना-देना नहीं है। अपितु वह वहां लोकनिर्माण विभाग के मौजूद सामानों की देखरेख करते हैं। ड्यूटी पर तैनात मिले लोक निर्माण विभाग के बेलदार कमलेश ने बताया कि इस समय उनकी ड्यूटी यहां चौकीदार के रूप में लगाई गई है। उन्होंने बताया कि यहां 3 लोगों की नियुक्ति की गई है ताकि तारकोल, गिट्टी, बोर्ल्डर आदि की देखभाल की जा सके।
रिपोर्ट-मकसूद आजमी