दीदारगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। हर बार की वही कहानी, खाद-बीज का अभाव और नहरों से गायब पानी। कुछ ऐसा ही इस बार भी दिख रहा है। गेंहू की बोआई के समय समितियों पर डीएपी के अभाव ने किसानों को परेशान किया, तो आगे खर-पतवार से पटी माइनर सिंचाई का संकट पैदा करेगी। फिलहाल मार्टीनगंज तहसील क्षेत्र के शारदा सहायक खंड 32 नहर से खरसहन खुर्द से कुशलगांव तक 12 किमी लंबी माइनर अभी तक रेत और खर-पतवार से पटी पड़ी है। सफाई न होने से आगामी दिनों में खेतों तक पानी पहुंचना मुश्किल होगा। पानी छूटने पर तटबंध के भी टूटने का खतरा बना रहेगा। अब जब किसानों द्वारा बोई गई गेंहू और अन्य फसलें सिंचाई के योग्य हो गई हैं, तो नहर में पानी आने पर भी उसका लाभ मिलना मुश्किल होगा। इसकी चिंता से परेशान किसानों ने सोमवार को माइनर किनारे खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि इसी तरह से बिना सफाई भुगतान होता रहता है। सफाई के नाम पर उगी घास-फूस को सिर्फ कुछ जगहों पर जलाकर छोड़ दिया गया है।
किसानों ने जेई तथा ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाया। जेई धीरेंद्र कुमार का कहना है कि अभी कोई भुगतान नहीं हुआ है। जहां तक माइनर की सफाई न होने की बात है, तो हम मंगलवार को मौके पर जाकर देखेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे।
इस मौके पर कैलाश यादव, अशोक यादव, दयाराम यादव, मोहित बिंद, दीपक सिंह, अरुण सिंह, इंद्रबली, मिथिलेश, रामअवध प्रजापति, उजागिर बिंद, मुस्ताक अहमद, सुबास गुप्ता, भीमल, मोहन राजभर आदि किसान उपस्थित थे।
रिपोर्ट-पृथ्वीराज सिंह