लालगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। द्वारकाधीश मंदिर बैकुंठ धाम अस्सी घाट वाराणसी के महंत राम अखंड दास जी महाराज ने गांगी नदी के किनारे मेहनाजपुर के पास स्थित अपने आश्रम में उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत कथा श्रवण करने से मनुष्य में सद् वृत्तियों का विकास होता है तथा आसुरी शक्तियों का नाश होता है।
उन्होंने कहा कि भगवान के प्रति जो प्रेम है वही भागवत है। भगवान के जो प्रेमी हैं उनको भी भागवत ही कहा जाता है। भागवत कथा परीक्षित जी को शुकदेव जी सुनाते हैं। मृत्यु को मोक्षदायिनी बनाने हेतु भागवत कथा का श्रवण होता है। भागवत कथा प्रेत पीड़ा निवारिणी तथा पितरों को तारने वाली भी है। भागवत कथा श्रवण के तीन कारण हैं। पहला सात्विक, जो भगवान से प्रेम करते हैं वह भागवत कथा सुनते हैं। दूसरा राजसिक कारण है जिसमें भगवान की कृपा या अपने पितरों के उद्धार के लिए लोग भागवत कथा सुनते हैं। तीसरा कारण तामसिक है जिसमें लोग एक दूसरे की देखादेखी या परंपरागत रूप से भागवत कथा का श्रवण करते हैं। इस अवसर पर रामाश्रय दास, पूर्व प्रधानाचार्य ओम प्रकाश सिंह तिलखरा, कथा वाचक श्याम सुंदर पांडेय चाकीडीह, रामचंद्र सिंह, जयनाथ सिंह, सतीश सिंह, कृष्णा, कान्हा आदि उपस्थित थे।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद