आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। छठ पूजा को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। व्रत रखने वाली महिलाओं के परिवार के लोग वेदी बनाना प्रारम्भ कर दिये हैं तो नगर पालिका प्रशासन द्वारा जेसीबी के माध्यम से घाटों की सफाई की जा रही है।
दीपावली के बाद यानि कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को नहाय खाए की परंपरा निभाई जाती है। इस दिन कद्दू भात तैयार किया जाता है जिसे सुबह-सुबह नहाकर, जल चढ़ाकर एवं पूजा करके खाया जाता है। नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत होती है। इस दिन व्रती नदी में स्नान करते हैं। इसके बाद सिर्फ एक समय का ही खाना खाया जाता है। इस बार नहाय खाय 17 नवंबर को है। चार दिन तक चलने वाली छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय परंपरा से प्रारंभ होती है और सप्तमी तिथि के दिन यानी कि 20 नवम्बर को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा। इस दिन सभी अपने घर की साफ सफाई करते हैं। इस दिन शाकाहारी भोजन करने की परंपरा चली आ रही है, जिसमें लोग कद्दू भात बनाकर खाते हैं। इस पूजा के दौरान 36 घंटे का व्रत रखा जाता है। छठ के अगले दिन गुड़ की खीर बनाकर खाई जाती है। छठ में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है। सुख-सौभाग्य, समृद्धि, संतान और सुखी जीवन की कामना के लिए छठ पूजा की जाती है। छठ महापर्व में भगवान सूर्य की आराधना के साथ-साथ छठी मैया की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है। छठ पर्व के अंतिम दिन उगते हुए सूर्य और छठी मैया की पूजा के साथ इस व्रत का विधिवत पारण किया जाता है।
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होने लगी घाटों की सफाई
आजमगढ़। छठ महापर्व को देखते हुए नगर पालिका प्रशासन द्वारा जेसीबी के माध्यम से घाटों की साफ सफाई की गयी। इसके साथ ही साथ सफाई कर्मियों द्वारा भी घाटों की सफाई की जा रही है। नगर क्षेत्र मेें नगर के सफाई कर्मियों द्वारा सफाई की जा रही है तो ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण सफाई कर्मियों द्वारा सफाई की जा रही है। सफाई का कार्य इस समय जोर शोर से किया जा रहा है।
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जगह जगह बनायी जा रही हैं बेदियां
आजमगढ़। छठ पूजा को लेकर तैयारियां जोरों से हो रही है। छठ पूजा की तैयारी मेें लोग जुट गये है घरों की साफ सफाई की जा रही है तो व्रती महिलाओं के परिवार के लोग घाटोें पर जाकर बेदियां बनाकर अपना नाम लिखकर जगह सुरक्षित कर रहे हैं जिससे कि छठ पूजा के दिन पूजा अर्चना करने मेें कोई व्यवधान न हो।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार