ज्ञानवापी प्रकरण : एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही पूरी, सर्वे टीम के सदस्य आरपी सिंह हटाए गए

शेयर करे

वादी पक्ष ने कहा- नंदी का मिल गए ‘बाबा’
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सुबह सवा दस बजे तक एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही पूरी हो गई। इस दौरान सर्वे में शामिल सभी सदस्य वापस लौट आए। इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान वादी पक्ष के सोहनलाल आर्य ने बताया कि नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वह बाबा मिल गए। इतिहास कालखंड में जो भी लिखा था वह मिल गया है। जिसकी जनता को प्रतीक्षा थी आखिरकार वह बाबा मिल गए हैं। इसके बाद से ही तीन दिनों की कार्यवाही के दौरान बाबा विश्वनाथ के असली स्थान को लेकर जानकारी सामने आने लगी है। वहीं मुस्लिम पक्ष ने कहीं कुछ भी मिलने से इनकार किया है।
हिंदू मंदिर होने के साक्ष्यों को लेकर उम्मीद
मीडिया से बातचीत में सोहनलाल आर्य ने कबीर दास के दोहे का उदाहरण दिया कि ‘जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ।’ इस बात पर उनसे इसका अर्थ बताने को कहा गया तो उन्होंने स्पष्ट जवाब दिया कि नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वह बाबा मिल गए। बताते चलें कि पहले दिन की कार्यवाही के बाद ही सोहनलाल आर्य ने विक्ट्री साइन बनाकर हिंदू मंदिर होने के साक्ष्यों को लेकर उम्मीद जताई थी। अब आखिरी दिन की कार्यवाही के बाद उन्होंने नंदी का मुंह ज्ञानवापी मस्जिद की ओर होने की वजहों को लेकर बाबा के मिल जाने की जानकारी दी। हालांकि, इससे अधिक उन्होंने मामला अदालत में होने की वजह से जानकारी देने से मना कर दिया।
अब कोर्ट सुनाएगा फैसला
उन्होंने बताया कि जो भी सोचा या माना गया था उसकी उम्मीद से अधिक परिणाम इस सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष को हासिल हुए हैं। उन्होंने सोमवार को सर्वे के अंतिम दिन को बहुत बड़ा दिन बताते हुए हिंदू पक्ष के लिए भी बहुत बड़ा दिन होने की जानकारी दी। बताते चलें कि सोहनलाल आर्य 52 लोगों की उस टीम में शामिल हैं जो एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही कर रही है। ‘जिन खोजा तिन पाइयां गहरे पानी पैठ’ का उदाहरण देते हुए इशारों-इशारों में उन्होंने तीन दिनों की कार्यवाही को उजागर किया है। बनारस के महमूरगंज निवासी लक्ष्मी देवी (याचिकाकर्ता) के पति सोहनलाल आर्य इस मामले में अदालत की ओर से सर्वे की 52 लोगों की टीम में शामिल किए गए थे।
सूचनाएं लीक करने का आरोप
इसके पूर्व ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे के दौरान बड़ा एक्शन भी लिया गया है। सर्वे की टीम सोमवार को जब ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर जा रही थी तब सर्वे टीम के सदस्य आरपी सिंह को रोक लिया गया। उनको तीसरे दिन के सर्वे में शामिल नहीं होने दिया गया। आरपी सिंह पर सूचनाएं लीक करने का आरोप लगा है। उनके ऊपर सर्वे की बातों को बाहर बताने के आरोप लगे हैं। ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर कोर्ट की ओर से गोपनीयता को लेकर बेहद सख्त हिदायत दी गई थी, आरपी सिंह पर इसका पालन नहीं करने के आरोप लगे हैं।
रिपोर्ट : अमन विश्वकर्मा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *