कर्बला के मैदान में दफन हुए ताजिए

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मोहल्ला बाज बहादुर स्थित कोट अखाड़े के मैदान से मोहर्रम की दसवीं का जुलूस निकाला गया। इस अवसर पर कांग्रेस शहर सचिव रियाजुल हसन, मुशीर अहमद खान, मोहम्मद अफजल, समीर अहमद, अल्ताफ, के नेतृत्व में खिचड़ा वितरित किया गया। तत्पश्चात कोट अखाड़े के उस्ताद जुबेर अहमद खान, एवं नायब उस्ताद सलीम अहमद का कांग्रेस पार्टी के शहर सचिव रियाजुल हसन द्वारा माल्यार्पण कर स्वागत कर कुरान शरीफ भेंट की गई।
रेयाजुल हसन ने करबले के वाकये को बयान करते हुए कहा कि मोहर्रम एक तारीख़ी महीना है। आज हर मुसलमान हज़रत इमाम हुसैन के सजदे का कर्जदार है। जुलूस बाज बहादुर होते हुए टेढिंया मस्जिद हर्रा की चुंगी वापस टेढिया मस्जिद होते हुए कोट राजा का किला वापस कोट होते हुए तकिया पहुंचा। सभी इमाम चौक पर अकीदतमंदो ने न्याज़ फातेहा कराया। जिनकी मुरादे पूरी हुई थी उन्होंने छोटे ताजिये और पंजे चढाये। शाम 7 बजे से सभी इमाम चौक से बैंड बाजे के साथ ताज़िए उठाए गए जो मुख्य चौक पर एकत्र हुए। अखाड़ों के साथ सभी ताजिए देर रात कर्बला के मैदान पहुंचे। सभी ताजियों को दफन किया गया।
नगर क्षेत्र के मोहल्ला एलवल फराशटोला कोट, कटरा, जामा मस्जिद, बाज बहादुर एकतखा पुल आदि इमाम चौक पर बैठाए गए। ताजिए शाम को बैंड बाजे के साथ उठाए गए जो मुख्य चौक पर लाए गए मुख्य चौक पर कटरा और जामा मस्जिद के अखाड़े के साथ रहे। दोनों अखाड़ों के खिलाड़ियों में जमकर मुकाबला हुआ तलवार लाठी डंडा बाना बनेठी आदि खेल दिखाते हुए खिलाड़ियों ने हैरत अंगेज करतब दिखाए। जिसे देखकर जनता आश्चर्यचकित हो उठी। दोनों अखाड़े ताजिए के खेलते हुए पुरानी कोतवाली अखाड़ा ताजिए के साथ खेलता हुआ कोट से पहाड़पुर खेलते हुए एक साथ खेलने के बाद आए जामा मस्जिद जामा मस्जिद एक साथ रहे और पहाड़पुर के बीच जमकर मुकाबला हुआ और पहाड़पुर के एक साथ खेलते कर्बला मैदान पहुंचे और जामा मस्जिद पुरानी कोतवाली जामा मस्जिद से कर्बला मैदान ताजियों के साथ पहुंचे। कर्बला के मैदान में देर रात तक खेलने के बाद अपने रास्तों से होता हुआ अपने स्थान पर खत्म हुआ। वहीं ताजिए कर्बला मैदान में देर रात दफन किए गए। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इस मौके पर कोट अखाड़े के उस्ताद जुबेर खान, नायब उस्ताद सलीम अहमद, मुस्ताक अहमद, शफीक अहमद, कटरा उस्ताद मुन्ना कुरैशी, जामा मस्जिद उस्ताद मुख्तार अहमद, मुफीद अहमद, मो.उबैद खान महमूद खान आदि उपस्थित थे।
माहुल प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय नगर और आसपास के ग्रामीण इलाके में चल रहे मुहर्रम के त्योहार के दसवें दिन शनिवार को ताजिया दफन किया गया। कर्बला की जंग में हजरत इमाम हुसैन की दीन ईमान की हिफाजत में यजीद के हाथो हुई सहादत की याद में मनाए जा रहे मुहर्रम के दसवें दिन माहुल कस्बे के डेवढ़ी मोहल्ले से ताजिया जलूस निकाला गया। ताजिये को पवई रोड स्थित कर्बला में ले जा कर दफन कर दिया। इसी तरह क्षेत्र के तकिया गुलाम अली शाह, कंदरी, रसूलपुर आदि गावो में जलूस निकाल कर ताजिया दफन किया गया। इस मौके पर नायब तहसीलदार फूलपुर सुशील कुमार, थानाध्यक्ष अहरौला सुनील कुमार दुबे, चौकी प्रभारी माहुल लालबहादुर बिंद, क्षेत्रीय लेखपाल सुग्रीव तिवारी, डेढ़ सैक्सन पीएसी बल के साथ पर्याप्त पुलिस बल सुरक्षा की दृष्टि से मौजूद रहा।
निजामाबाद प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय कस्बे के काजी साहब इमाम बारगाह से 10वीं मोहर्रम का जुलूस ताजिया, अलम व तबल के साथ निकला गया। जुलूस कस्बे के पुराना चौक होते हुए निजामाबाद थाने के समीप स्थित कर्बला पहुंचकर समाप्त हो गया। जहां अजादारों ने ताजिये दफन किये। जुलूस कस्बे के देवकी चौराहा, काली चौराहा, पुराना चौराहा, गुरुद्वारा मोड होते हुए थाने मोड़ पर पहुंचा जहां दरबारे जेहरा से निकला हुआ जुलूस आकर शामिल हुआ। इसके बाद दोनों जुलूस गम के माहौल में कर्बला के लिए रवाना हुए और कर्बला पहुंचकर जुलूस समाप्त हुआ। इस मौके पर आबिद हुसैन, बाकर हुसैन, सेराज आजमी आदि मौजूद रहे।
लालगंज प्रतिनिधि के अनुसार दसवीं मुहर्रम के रोज़ शनिवार को देवगांव में ताजिया जुलूस निकाल कर जबरदस्त मातम किया गया। इस अवसर पर एसडीएम, सीओ, तहसीलदार तथा कोतवाल भारी पुलिस फोर्स के साथ वहां मौजूद रहे। देवगांव अजादार एसोसिएशन के अध्यक्ष सैफ जैदी के नेतृत्व में आधा दर्जनों लोगों के साथ इस अवसर पर जंजीरी मातम किया गया और एसडीएम, तहसीलदार, सीओ तथा कोतवाल के साथ क्राइम इंस्पेक्टर आदि मौजूद रहे। सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद देखी गई। क्षेत्र के अधिकांश ताजिया देवगांव में आकर मिलते हैं तथा यहां बड़ा जुलूस निकाला जाता है। मिर्जापुर देवगांव कोहराना तकिया का कदीम ताजिया, छैला मस्जिद से उठकर शुक्रवार रात चौक पर रखे जाने के बाद शनिवार को उठकर मुख्य जुलूस में शामिल हुआ। तकिया कमेटी में शम्स तबरेज खान, आमिर खान, माज खान, शारिब खान, शादाब, लौटू आदि सम्मिलित रहे।

सरायमीर प्रतिनिधि के अनुसार- नगर के चौक स्थित अज़ाखाना अबु तालिब से 2 बजे दिन मे मजलिस के बाद शबीह ताबूत अलम दुलदुल व ताज़िया का जुलूस निकला जो पुराना थाना, रौज़ा अली आशिकान, सिरादी का पूरा मेन रोड होते हुए खरेवां स्थित सदर इमामबाड़ा पहूँचा जहां पर ज़ियारते आशूरा पढ़ने के बाद खत्म हुआ। भूखे प्यासे व गम मे डूबे मातमदारों ने ताज़िया दफन करने के बाद जवाद मंज़िल मे शाम गरीबां की मजलिस की जहां पर मौलाना ने इमाम हुसैन की शहादत के बाद यज़ीदी फ़ौज के ज़रीया हुसैनी कैम्पो मे आग लगाये जाने व उनके घर की महिलाओं व बच्चों को क़ैद किये जाने का मंज़र ब्यान किया तो हर एक की आंखों से आंसू छलक पड़े। ग्रमीण क्षेत्रों में ओस्ती, रसूलपुर, ओहदपुर, बेलहरी, कस्बा पुरन्दरपुर, फ़त्तेपुर, लेडूवावर, कोरौली, कमालपुर, गोसड़ी, मोईयां, निकामुद्दीनपुर मे जुलूस निकाला गया जहां देर शाम तक अपने अपने करबला पर ताज़िया दफ्न किया।
मुबारकपुर प्रतिनिधि के अनुसार- मोहर्रम की दस तारीख़ को यौमे आशूरा कहा जाता है जोकि 29 जुलाई को मनाया गया मोहर्रम की नवीं व दसवीं तारीख़ शुक्रवार और शनिवार को कस्बा सहित आसपास के विभिन्न क्षेत्रों में शिया व सुन्नी समुदाय के लोगों ने ताजिये का भव्य जुलूस निकाला। दसवीं मोहर्रम को शिया समुदाय का ऐतिहासिक ताजिये का जुलूस आधा दर्जन इमामबाड़ों से अंजुमन अंसारे हुसैनी रजिस्टर्ड, अंजुमन अंसारे हुसैनी कदीम रजिस्टर्ड, अंजुमन मासूमियां, इमामबाड़ा दरबारे हुसैनी, इमाम बाड़ा बरगहे हुसैनी सहित अन्य स्थानों से दर्जनों ताजिये का ऐतिहासिक जुलूस निकला जो अपने पूर्वनिर्धारित रास्तों से गुज़रता हुआ वाक़्याते क़र्बला पर आधारित अक़ीदत के साथ नौहा ख्वानी व सीनाज़नी का नज़राना पेश करते हुए मोहल्ला पूरासोफी हैदराबाद के रास्ते से होता हुआ सिकठी गेट स्थित शाह के पंजे क़र्बला पहुंचकर नौहा ख्वानी व मातम पेश कर शहीदाने क़र्बला को मंज़ूम खिराजे अक़ीदत पेश किया। देर शाम तक कार्यक्रम चलता रहा। जुलूस के दौरान मोहल्ला पूरासोफी से मोहल्ला हैदराबाद पहुंचकर अंजुमन अंसारे हुसैनी क़दीम रजिस्टर्ड के सदस्यों ने ज़नजीर और क़मा का का मातम पेश कर खिराजे अक़ीदत पेश किया।

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