चारो भाईयों के जन्म लेते ही बजी बधाइयां

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रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। अवंतिकापुरी आवंक मंे अवंतिका सेवा समिति द्वारा चल रही रामलीला में दूसरे दिन राजा दशरथ महायज्ञ करते हैं। महायज्ञ उपरांत अयोध्या मंे राम सहित चारो भाईयों का जन्म होता है। बधाइयां गाई जाती हैं और देवता पुष्प वर्षा करते हैं। श्रोता मंत्रमुग्ध लीला का मंचन देखते रहे।
रामलीला में राजा दशरथ पुत्र प्राप्ति के लिए महायज्ञ करते हैं। इसके बाद राजा की पहली पत्नी कौशिल्या को एक पुत्र दूसरी रानी कैकेयी ने एक पुत्र और तीसरी रानी सुमित्रा दो पुत्र कंो शुभ नक्षत्रों में जन्म देती हैं। राजा दशरथ का महल और नगर चार पुत्रों के जन्म से खिलखिला उठा। चारों तरफ आनंद और जश्न का माहौल था। पूरी प्रजा खुशी से गा व झूम रही थी। इस खुशी को देखकर देवता भी फूलों की वर्षा करने लगे।
इस जश्न में शामिल होने के लिए कई ब्राह्मण भी पहुंचे और राजा दशरथ के बेटों को आर्शीवाद दिया। खुशी से झूम रहे राजा दशरथ ने ब्राह्मणों को खूब दान दिया। फिर अपनी खुशी जाहिर करने के लिए उन्होंने प्रजा व दरबारियों में भी धन, रत्न और आभूषण बंटवाए। सबकी मौजूदगी में चारों बालकों का नामकरण भी किया गया। महर्षि वशिष्ठ ने उनका नाम रामचन्द्र, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न रखा। जन्म के बाद पुत्र शिक्षा को गुरुकुल जाते हैं। इस मौके पर समिति के अरुण विश्वकर्मा, मुखराम गुप्ता, गुलाब चंद, महेन्द्र आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा

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