….. बदनसीब जिंदगी को बेईमान बना दिया

शेयर करे

निजामाबाद आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय तहसील स्थित साहित्य से दोस्ती पुस्तक केंद्र पर लोकायन संस्कृति न्यास आज़मगढ़ की तरफ से काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता हरिगेन और संचालन घनश्याम यादव ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ रुद्रनाथ चौबे की सरस्वती वंदना से हुआ। कवि विजय प्रताप बूढनपुरी ने कहा कि रोटी की भूख ने उसका ईमान हिला दिया, बदनसीब जिंदगी को बेईमान बना दिया। महेश मृदुल ने जालिमों को इंसानियत सराहती नहीं, काल के नर्तकों को निहारती नहीं, सुनाकर लोगों में चेतना का संचार किया। जयसिंह सिंह ने एकता गीत बांट लिये हो रहन सहन, मानवता कैसे बांटोगे सुनाया।
भोजपुरी कवि बैजनाथ गंवार ने साहेब हमरी ओरिया ताका, जियरा पाका होइगे नाय सुनाया। चर्चित कवि जितेंद्र कुमार नूर ने क्रांतिकारी रचना सारे बहरों के कान खोलेंगे, जब ये गूंगे जुबान खोलेंगे, लाल बहादुर चौरसिया ने शांति के पैगाम के लिए दीप जलाकर अमन चैन का, धरती का बरदान लिखेंगे सुनाया। राकेश पांडेय ने सुनाया पावन दिन पावन घड़ी, पावन हो हर दृश्य। राजनाथ राज ने प्रेम सौहार्द के लिए सुनाया चलो फिर से उजड़ा घरौंदा बनाये, तिनका तिनका चलो चुनकर लायें। शायर ताज आज़मी ने एकता और अखंडता पर अपनी रचना सुनाकर खूब तालियां बटोरी। प्रगतिशील लेखक संघ कार्यकारी अध्यक्ष राजाराम सिंह और बालेदीन बेसहारा ने अपनी रचनाओं के साथ ही अन्य कवियों से स्वस्थ समाज के लिये अच्छी रचना लिखने का आह्वान किया। अन्य रचनाकारों रोहित राही आदि ने अपनी रचनाओं को सुनाकर गोष्ठी को जीवंत बनाये रखा। इस अवसर पर राष्ट्रीय पहलवान लालचंद यादव, हरिबंश, कॉमरेड जितेंद्र हरि पांडेय, शाहिद आज़मी, अंकित पाल आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-वीरेन्द्र नाथ मिश्र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *