अल्लाह के शांतिदूत थे पैगंबर मुहम्मद साहब

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लालगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। इत्तेहाद कमेटी की ओर से कस्बा देवगांव में इस्लामिया स्कूल के पास जलसा सीरतुन्नबी और इस्लाह मुआशरा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मदरसा अशाअतुल उलूम चेकपोस्ट आजमगढ़ के उस्ताद मुफ्ती मुहम्मद जासिम ने अल्लाह के रसूल के जीवन का वर्णन करते हुए कहा कि अल्लाह ने उन्हें शांतिदूत बनाकर भेजा था। उन्होंने कहा उनका जीवन खुली किताब की तरह है। उन्होंने कहा कि एक ईसाई लेखक ने भी पैगंबर मुहम्मद साहब का उल्लेख अपनी किताब में पहले स्थान पर किया है।
उन्होंने कहा मुहम्मद साहब के प्रति सच्चा प्यार यही है कि उनके व्यवहार को अपने आचरण में ढाला जाए जिन्होंने हमें दुश्मनों को भी माफ कर देने का उपदेश दिया है जिसका उदाहरण फतह मक्का में मिलता है। मदरसा पयामे हक दौना के उस्ताद मुफ्ती वसीउल्लाह ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब को लोग सादिक और अमीन के रूप में बुलाते थे क्योंकि वह सच्चे थे। अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने महिलाओं को वह अधिकार दिलाया जो उनके आने से पहले महिलाओं को हासिल नहीं थे। इस मौके पर हाफिज एहसान अहमद खैराबादी, हाफिज सिराज अहमद जौनपुरी, हाफिज अतीक अहमद देवगांव और हाफिज हबीब ने नात शरीफ पेश किया। संचालन मौलाना अब्दुल्ला कासमी कटौली और अध्यक्षता मुफ्ती ओसामा समर ने की।
रिपोर्ट-मकसूद आजमी

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