अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। दीवाली के नजदीक आते ही मिठाई सहित अन्य खाद्य पदार्थों की मांग काफी बढ़ जाती है। त्योहारों में आमतौर पर मिठाई नहीं खाने वाले लोग भी खरीदारी करते हैं, मांग की तुलना में आपूर्ति कम होने का नाजायज फायदा उठाने में कुछ दुकानदार नहीं चूकते। इस समय पूरे जनपद तथा ग्रामीण क्षेत्रों में मिलावटी मिठाई का धंधा खूब फल-फूल रहा है। नगर सहित अन्य प्रमुख बाजारों में मिलावटी मिठाई की खरीद-बिक्री जोरों पर है जो स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदेह है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसे रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो नकली मावे को खपाने की तैयारी चल रही है। मिठाई दुकानदार इसकी तैयारी पूरी तरह से कर लिये हैं। दीपावली में अधिकतर दुकानदार सिंथेटिक दूध, मावा और अन्य सामान धड़ल्ले से तैयार करते हैं। औसतन एक किलो असली खोआ की कीमत 350 रुपये किलो से अधिक पड़ती है, जबकि बाजार में असली खोआ से बनी चीजों के नाम पर 150 से 200 रुपये किलो सामान की बिक्री की जा रही है। इस संदर्भ में भाजपा के वरिष्ठ नेता श्रम प्रकोष्ठ रमाकांत मिश्रा ने कहा कि जनपद समेत नगर पंचायत में भी धड़ल्ले से नकली मावे की बिक्री की जा रही है जिससे आम नागरिक बीमार पड़ सकते हैं। कुछ सफेदपोश लोगों के संरक्षण में दुकाने संचालित हो रही हैं ऐसे लोग बक्से नहीं जाएंगे। सफेदपोश के संरक्षण में मिठाई के नाम पर लोगों को जहर बेचने वाले लोग सलाखों के पीछे होंगे जिसके लिए शासन और प्रशासन को मेरे द्वारा अवगत करा दिया गया है। नकली मावे से निर्मित मिठाइयों को बेचने वाले लोगों के ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
रिपोर्ट-आशीष निषाद