आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शहर स्थित डीएवी पीजी कॉलेज में शुक्रवार को विविधता में एकता कार्यक्रम के अंतर्गत संस्कृति विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें संस्कृतिक परिषद की संयोजक प्रो. गीता सिंह ने कहा कि संस्कृति शब्द लैटिन कल्टस से आया है जिसका अर्थ है ‘देखभाल’। संस्कृति एक नियंत्रण तंत्र के रूप में काम करती है और सामाजिक व्यवस्था की स्थिरता को बढ़ाती है। संस्कृति वह सामाजिक वस्तु है जो लोगों को क्या कहना चाहिए, क्या करना चाहिए, इसके बारे में समझ प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि संस्कृति मनुष्य की अमूल्य निधि है। संस्कृति एक ऐसा पर्यावरण है जिसमें रहकर व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी बनता है और प्राकृतिक पर्यावरण को अपने अनुकूल बनाने की क्षमता अर्जित करता है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. प्रेमचंद्र यादव ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सबको धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत अवनीश राय ने एवं संचालन जितेंद्र असिस्टेंट प्रोफेसर ने किया। कार्यक्रम में प्रो. जगदंबा प्रसाद दुबे, प्रो. विजय कुमार, डॉ. रानू सिंह, श्याम लाल सहित अनेक छात्र छात्राएं उपस्थित रहीं।
रिपोर्ट-दीपू खरवार