फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय विकास खण्ड में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन कछुआ की चाल से चल रही है। अभी भी 24 ग्राम पंचायतों में राजस्व टीम जमीन उपलब्ध नहीं करा सकी है। वहीं 32 ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य अधूरा है।
विकास खण्ड में कुल 89 ग्राम पंचायतें हैं। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत शहरों की तर्ज पर गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस योजना के तहत गांवों में नाली, सोख्ता गड्ढा, घूर गड्ढा, कचरा प्रबंधन केंद्र, ई-रिक्शा आदि शामिल हैं। फूलपुर ब्लाक के सबसे बड़ी ग्राम सभा बखरा व पुष्पनगर को माडर्न गांव बनाने के लिए वर्ष 2022-23 में चयन हुआ था। वहीं वर्ष 2023-24 में 58 गांव का चयन किया गया। इसी क्रम में वर्ष 2024-25 में 29 गांव इस योजना में चयनित किए गए। प्रत्येक गांव में आरआरसी सेन्टर निर्माण कराना था। आरआरसी सेन्टर पर ई-रिक्शा से गांव का कचरा ले जाकर गीले एवं सूखे कचरा को अलग किया जाना है। लेकिन आज तक सभी गांवों में आरआरसी सेन्टर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। 89 ग्राम पंचायतों में 65 ग्राम पंचायत में भूमि उपलब्ध हुई और कार्य प्रारम्भ हो गया जिसमे से 33 ग्राम पंचायत में आरआरसी सेन्टर के निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। जबकि 32 ग्राम पंचायतों में कार्य चल रहा है। किसी गांव में दीवाल तो कहीं नींव और कहीं छत के बराबर निर्माण कार्य हो सका है। योजना की शुरुआत वर्ष 2022 में हुई थी लेकिन कार्य जून 2025 तक पूर्ण नहीं हो सका है।
इनसेट—
माडर्न गांव के रूप में चयनित गांवों में सरकार द्वारा आवंटित धन समय से नहीं मिला। दूसरी तरफ राजस्व विभाग द्वारा भूमि उपलब्ध नही कराई गई जिसके कारण निर्माण कार्य समय से पूर्ण नहीं हुआ। जिन गांवों में भूमि उपलब्ध है वहां पर कार्य प्रगति पर है। जल्द ही आरआरसी सेन्टर का कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय