निजामाबाद आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय तहसील क्षेत्र के मक्खन पट्टी गांव निवासी अजय कुमार पांडेय पुत्र विजय शंकर पांडेय ने बुधवार को एसडीएम को प्रार्थना पत्र दिया कि उसके पास एक भी कड़ी जमीन नहीं है, न ही घर पक्का है। जीवकोपार्जन के लिए रिक्शा भाड़ा का लेकर चलाता है। उसकी दो बेटियां हैं जिनका एडमिशन केंद्रीय विद्यालय में हो गया है। उनके छात्रवृत्ति के लिए आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया तो उक्त गांव के लेखपाल ने तीन हजार रिश्वत भी लिए और उसका 72 हजार रुपए का रिपोर्ट लगा दिया।
पीड़ित ने लेखपाल को सुविधा शुल्क दिया तो उन्होंने कहा कि दोबारा और पैसा देकर ऑनलाइन आवेदन करो तो उसने फिर वही रिपोर्ट लगा दी। पीड़ित ने कहा कि हमारा पैसा वापस कर दें तो लेखपाल ने तीसरी बार आवेदन करने को कहा फिर वही रिपोर्ट लगा दी। पीड़ित ने कहा कि हमारे पास कुछ नहीं है 72 हजार कि रिपोर्ट लगा दी और हमारे गांव के सबसे बड़े किसान जिसके पास दसों बीघा जमीन ट्रैक्टर पक्का मकान स्कॉर्पियो गाड़ी है उसका 42 हजार का क्यों लगा है तो लेखपाल ने कहा कि उक्त रिपोर्ट के आय प्रमाण पत्र को किसी अधिकारी को दिखाई तो तुम्हे में फंसा कर बंद करा दूंगी। पीड़ित ने चारों रिपोर्ट एसडीएम निजामाबाद को दिया। एसडीएम ने जांच कर उचित कार्यवाही का आश्वाशन दिया है। पीड़ित ने बताया कि मोदी सरकार के राशन खाकर किसी तरह से परिवार को पढ़ा लिखा रहा हूं लेकिन तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार ने मेरे बच्चों का भविष्य ही खराब कर दिया है।
पीड़ित का आरोप है कि निजामाबाद तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अक्सर कर्मचारियों फरियादियों में मारपीट होता रहता है। तहसील का हर सरकारी कर्मचारी हर टेबल पर अपना प्राइवेट आदमी रखकर खुलेआम वसूली करवाते हैं। पिछले उपजिलाधिकारी ने ज्यादातर प्राइवेट कर्मचारियों को भगा दिया था लेकिन इस समय फिर वही धंधा फलफूल रहा है। जिसकी पूरे तहसील क्षेत्र में चर्चा बना हुआ है कि बगैर सुविधा शुल्क के तहसील में कोई भी कार्य नहीं हो सकता है।
रिपोर्ट-वीरेन्द्रनाथ मिश्र