फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय क्षेत्र में स्थित दयानन्द बाल मंदिर में सोमवार की देर रात आर्य समाज की तरफ से आयोजित तीन दिवसीय 66वें वार्षिक सत्संग समारोह के पहले दिन भजनोपदेशक द्वारा मानव जीवन में आने वाले कर्माें के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया गया। इस दौरान काफी संख्या में आये श्रोताओं ने भजन का आनन्द उठाया।
सत्संग का शुभारंभ सोमवार की सुबह लोगो ने हवन करके किया। भागवत कथाकार संत सुनील देव महाराज ने बताया कि वैदिक धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए दयानन्द ऋषि आये थे। लोगो को वेदों में बताए गए रास्तों पर चलना होगा। मन की साधना करने से मनुष्यों का जीवन धन्य हो जाता है। बदायूं से पधारी साध्वी प्रज्ञा साधना आर्या ने संगीतमयी प्रवचन सुनाया। उन्होंने कहा कि जो सत्य है वही धर्म है। वैदिक धर्म सबसे पुराना धर्म है। पंडित श्रेयांश आर्य ने कहा कि हिन्दू धर्म जातियों में बट रहा है। अन्य धर्म जातियों में न बट कर अपने धर्म को बढ़ावा दे रहे हैं। इसलिए हिन्दू धर्म को जातियों में नही बंटना चाहिए। इस मौके पर सत्यम आर्य, अखिलेश आर्य, रितेश आर्य, भाजपा मंडल अध्यक्ष रत्नेश बिन्द, डॉ.मनोज यादव, धर्मेद्र यादव, भृगुनाथ मोदनवाल, कृष्णमोहन आर्य, रामकिशुन, संदीप गुप्ता, आशीष रावत आदि मौजूद रहे। संचालन राजेंद्र प्रसाद मुनि ने किया।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय