कड़ाके की ठंड में भी बंद रहता है रैन बसेरा में ताला

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माहुल आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय नगर पंचायत का रैन बसेरा प्रशासनिक कागजी खानापूर्ति के लिए बनाया गया है। इसके बाहरी गेट पर हमेशा ताला बंद रहता है। जिसके कारण ठंड से ठिठुर रहे लोगों को कोई राहत नहीं मिल रही।
शासन द्वारा नगर पंचायतों में ठंड से ठिठुर रहे लोगों के बचाव हेतु अलाव के साथ ही साथ आश्रय स्थल बनाने का निर्देश जारी किया गया है। निर्देश के अनुपालन में माहुल में नगर पंचायत प्रशासन द्वारा यहां के अहरौला रोड पर नई आबादी में पूर्व चेयरमैन बदरे आलम के घर में अस्थाई रैन बसेरा बनवाया गया और मकान के बाहरी हिस्से पर अस्थाई रैन बसेरे का बोर्ड लगा दिया गया है। पर इस रैन बसेरे का आलम यह है कि बोर्ड तो दिख रहा पर मुख्य गेट पर ज्यादातर ताला ही बंद रहता है न ही कोई कर्मचारी ही इसके रख रखाव हेतु यहां नियुक्त किया गया है और न ही यहां अलाव की ही कोई व्यवस्था की गई है। जिसके कारण यह ठंड से ठिठुर रहे राहगीरों और ग़रीबों के लिए निष्प्रयोज्य बना हुआ है।आसपास के लोगों का कहना है कुछ दिन पहले नगर पंचायत के कर्मचारी इस मकान पर आये और रैन बसेरे का बोर्ड लगा कर चले गए तब से अभी तक इस मकान का ताला नहीं खुला है।
इस संबंध में अधिशासी अधिकारी माहुल अवधेश मिश्र का कहना है कि सरकार के निर्देश पर रैन बसेरे को खोलकर उसमें केयर टेकर की नियुक्ति की गई है उसकी तबियत खराब होने की वजह से रैन बसेरे में ताला बंद है।
रिपोर्ट-श्यामसिंह

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