कागजों में सिमट कर रह गया सुशासन सप्ताह

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अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शासन के निर्देश पर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत सुशासन सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। तहसील बुढ़नपुर क्षेत्र के अंतर्गत तिथिवार स्थान निर्गत किया गया था जहां जनता की विभिन्न प्रकार की समस्याओं का त्वरित निस्तारण व शासन की योजनाओं को जनजन तक पहुंचाने हेतु समस्त विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति नियत की गई थी। उक्त के क्रम में रविवार को नगर पंचायत कार्यालय अतरौलिया में सुशासन सप्ताह के अंतर्गत कार्यक्रम निर्धारित था, जिसमें समस्त कर्मचारियों व अधिकारियों को उपस्थित होकर जनता की समस्याओं का त्वरित निस्तारण करना था। किंतु किसी भी संबंधित विभाग का कोई अधिकारी कर्मचारी नजर नहीं आया और न ही नगर पंचायत और आसपास की कोई जनता अपनी फरियाद लेकर आई।
नायब तहसीलदार वंदना वर्मा कार्यक्रम की खानापूर्ति करते हुए सिर्फ़ एक-दो घंटे बैठकर कार्यक्रम को अधूरा छोड़कर वापस चली गई। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या नगर पंचायत क्षेत्र में कोई समस्या ही नहीं है या तो फिर यह सुशासन सप्ताह का कोई प्रचार प्रसार नहीं किया गया था जिसकी वजह से कोई भी जनता अपनी फरियाद समस्या लेकर नहीं पहुंची। कार्यक्रम में नगर पंचायत के अध्यक्ष व आशा संगिनी तथा राजस्व निरीक्षक ही नजर आए। इस संबंध में व्यापार मंडल अध्यक्ष हिमांशु विनायक ने बताया कि मेरी पत्नी वार्ड नंबर एक की सभासद है हम उनके प्रतिनिधि हैं। इस कार्यक्रम के बारे में किसी को कोई सूचना नहीं दी गई। अगर कार्यक्रम की जानकारी होती तो बोर्ड के सभी सदस्य व जनता मौजूद होती और अपनी समस्याओं को अवगत कराते। राजेश सोनकर वार्ड नंबर 2 सभासद प्रतिनिधि ने बताया कि किसी को न तो बुलाया गया और न ही कोई जानकारी मिली। प्रेम प्रकाश यादव ने शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं को गिनाया और धरातल पर इसे आखिरी व्यक्ति तक पहुंचने का दावा किया और कहा कि जो भी मामले आए सभी मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया गया। इस मौके पर नगर अध्यक्ष सुभाष चंद्र जायसवाल, लिपिक गिरीजेश यादव, सूरज सिंह, लेखपाल अजीत यादव, गीता वर्मा सुपरवाइजर बाल विकास एवं पुष्टाहार, प्रदीप सोनकर, विवेक सिंह तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ती मौजूद रहीं।
इस संदर्भ में एसडीएम ने बताया कि मैं पीसीएस के पेपर में हूं, नायब तहसीलदार से ही पूछ लीजिए। जब उनसे बताया गया कि नायब तहसीलदार मात्र एक घंटे बाद ही चली गई और पत्रकार वार्ता भी नहीं की, तो उन्होंने कहा कि उनको बताना चाहिए था वह क्यों नहीं बताई। जब पूछा गया कि कोई भी जनता मौजूद नहीं रही क्या इसका प्रचार प्रसार किया गया था या नहीं तो उन्होंने कहा कि सोमवार अहिरौला के अभयपुर गांव में होगा वहां आना और देखना। अधिशासी अधिकारी अतरौलिया के सीयूजी नंबर पर कई बार फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
रिपोर्ट-आशीष निषाद

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