माहुल आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शिब्ली नेशनल कालेज आजमगढ़ का चर्चित तिरंगा झंडा प्रकरण मंगलवार को विधान परिषद में छाया रहा। भाजपा के विधान परिषद सदस्य रामसूरत राजभर ने नियम-115 के अन्तर्गत इसे सदन में उठाया। सदस्यों ने आश्चर्य व्यक्त किया कि अल्पसंख्यक संस्था-शिब्ली नेशनल कालेज के प्राचार्य ने कैसे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा का अपमान किया।
रामसूरत राजभर ने कहा कि अल्पसंख्यक संस्था शिब्ली नेशनल कालेज में बीते 15 अगस्त-2024 स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वज सलामी के दौरान प्राचार्य द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का अपमान करने का कुकृत्य किया गया था। उक्त घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने देखा। इस घटनाक्रम से समूचा आजमगढ़ अपमानित महसूस कर रहा है। किसी देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान, उस राष्ट्र का अपमान होता है और यह अपमान जानबूझकर किया गया है। प्रश्नगत प्रकरण में गृहविभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायतों के बाद डीएम और एसपी ने जांच समिति गठित की। जांच कमेटी की रिपोर्टाे के बाद घटना सही पायी गई है। प्राचार्य द्वारा वायरल वीडियो में स्वयं के होने की बात भी स्वीकार की गई है। प्राचार्य के दोषी सिद्ध होने पर जिलाधिकारी द्वारा शिब्ली के मैनेजमेंट/नियुक्ति प्राधिकारी को प्राचार्य के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इसके बाद डीएम ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी वाराणसी को कार्रवाई करने की रिपोर्ट भेजी। बावजूद मैनेजमेंट द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी। बल्कि आरोपी प्राचार्य को ही बचाने में सभी लग गये। यह विधि व्यवस्था और कानून के राज पर सवाल खड़ा करता है। दोषी प्राचार्य के विरुद्ध वैधानिक, विभागीय तथा दंडात्मक कार्रवाई की जाय जिससे ऐसे घटनाक्रमों की पुनरावृत्ति न हो।
रिपोर्ट-श्यामसिंह