निजामाबाद आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय तहसील क्षेत्र के गौसपुर स्थित महर्षि दत्तात्रेय स्कूल में महर्षि दत्तात्रेय की जयंती उत्साह के साथ मनायी गयी। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति पर पुष्प अर्पित करके किया गया। मुख्य अतिथि प्रबंधक अरुण कुमार मिश्रा ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने महर्षि दत्तात्रेय के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। कहा कि दत्तात्रेय भगवान त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त अवतार माने जाते हैं और उनका जीवन मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत है। अभिभावकों ने भी आयोजन की सराहना की और इसे बच्चों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव बताया।
छात्रों ने भक्ति गीत और नृत्य प्रस्तुत किए। विशेष रूप से, कक्षा 6 से 8 के छात्रों द्वारा प्रस्तुत नाटक ‘दत्तात्रेय भगवान की शिक्षाएं’ को सभी ने सराहा। इस नाटक में उनके जीवन से जुड़े प्रमुख प्रसंगों को दर्शाया गया।
प्रधानाचार्य आशीष उपाध्याय ने बताया कि महर्षि दत्तात्रेय की शिक्षाएं हमें सादगी, सहिष्णुता और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाती हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में उनके आदर्शों को अपनाएं।
प्रबंधक अरुण कुमार मिश्रा ‘लालू’ ने कहा कि महर्षि दत्तात्रेय की जयंती न केवल हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को संरक्षित करने का अवसर है, बल्कि यह बच्चों को नैतिक शिक्षा देने का भी एक माध्यम है। महर्षि दत्तात्रेय भगवान जयंती पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक भावना का प्रतीक था, बल्कि यह शिक्षा और संस्कृति का संगम भी साबित हुआ। छात्रों ने न केवल भगवान दत्तात्रेय के जीवन से प्रेरणा ली, बल्कि उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प भी लिया। इस अवसर पर संरक्षक जयप्रकाश मिश्रा सहित शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।
रिपोर्ट-वीरेन्द्रनाथ मिश्र