राष्ट्रीय लोक अदालत में 93472 वादों का हुआ निस्तारण

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जनपद न्यायाधीश संजीव शुक्ला की अध्यक्षता में शनिवार को जनपद न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। निस्तारण के लिए चिह्नित 109824 मामलों में 93472 वादों का निस्तारण किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश संजीव शुक्ला ने दीप प्रज्जवलन व वाग्देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया। कहा कि लोक अदालत आम आदमी के लिए उपलब्ध एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र है। इसके माध्यम से विवाद का निपटारा निशुल्क व त्वरित किया जाता है। लोक अदालत में दिया गया फैसला अन्तिम होता है, उसके खिलाफ किसी ऊपरी न्यायालय में अपील नहीं होती। लोक अदालत में दिए गए फैसले सुलह-समझौते के आधार पर होते हैं, इसलिए पक्षकारों के बीच मतभेद भी समाप्त हो जाते हैं, क्योंकि इसमें न कोई जीतता है और न ही कोई हारता है। वादों के निस्तारण के साथ 19,09,84,816 धनराशि का समझौता हुआ। प्रीलिटिगेशन स्तर पर 79273 तथा कोर्ट से 14199 दीवानी व फौजदारी वाद राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित हुए। जनपद न्यायाधीश ने 07 मामलों, अजय कुमार सिंह पीठासीन अधिकारी न्यायालय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने 68 वादों का निस्तारण किया। संदीपा यादव, अपर प्रधान न्यायाधीश न्यायालय संख्या-02 द्वारा 38, प्रेम शंकर अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय संख्या-01 ने 48 वादों सहित कुल 86 वादों का पारिवारिक न्यायालय द्वारा निस्तारण किया गया।
सतीश चन्द्र द्विवेदी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-01 द्वारा 04, कमला पति विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट ने 05, जैनेद्र कुमार पाण्डेय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं. 03 ने 02, अजय श्रीवास्तव विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट ने 215, शैलजा राठी, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट नं.01 ने 05, संतोष कुमार यादव अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं.06/नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत ने 21 वादों का निस्तारण किया।
इसी क्रम में रमेश चंद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी-01 द्वारा 03, जैनुद्दीन अंसारी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी 02 ने एक द्वारा 01 वाद का निस्तारण किया गया। पारिवारिक न्यायालय द्वारा अलग रह रहे 10 दम्पत्तियों के वादों का निस्तारण कराकर उनको एक साथ रहने तथा दम्पत्तियों को आशीर्वाद देकर व माला पहनाकर विदा किया गया। सत्यवीर सिंह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा कुल 3114 वादों का निस्तारण किया गया। कार्यक्रम का संचालन धनंजय कुमार मिश्रा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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