आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिलाधिकारी/अध्यक्ष, जिला भूगर्भ जल प्रबन्धन परिषद विशाल भारद्वाज ने बताया कि भूगर्भ जल के संचयन, संवर्धन एवं विनियमन के उद्देश्य से प्रदेश में 02 अक्टूबर, 2019 से उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन एवं विनियमन) अधिनियम-2019‘ लागू किया गया है। इसके अंतर्गत भूजल उपयोग किए जाने हेतु समस्त भूजल उपयोक्ताओं यथा-वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक, औद्योगिक, व्यवसायिक, आरओ प्लांट और सामूहिक उपयोक्ता (अस्पताल, स्कूल/विद्यालय/ कालेज परिसर/हाउसिंग अपार्टमेन्ट/वाहन धुलाई केन्द्र/गेस्ट हॉउस/होटल एवं रेस्टोरेन्ट, शादी लॉन/वाटर पार्क आदि) द्वारा स्थापित किये जाने वाले नवीन बोरवेल एवं पूर्व से स्थापित किये गए बोरवेल/ट्यूबवेल के माध्यम से किये जा रहे भूजल निष्कर्षण हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं कूपों (बोरवेल/टूबवेल) का पंजीकरण कराया जाना व इस क्षेत्र में कार्य करने वाले ड्रिलिंग मशीनों का पंजीकरण जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद के माध्यम से अनिवार्य रूप से कराया जाना है। अवैध रुप से चल रहे अभिकरणों अथवा भूजल उपयोक्ताओं द्वारा बिना अनुमति भूजल दोहन किये जाने तथा भूजल प्रदूषण किये जाने हेतु दण्ड के भी प्राविधान निहित है। ऐसे में जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद को अपना आवेदन 30 दिवस के भीतर निवेश मित्र पोर्टल पर प्रस्तुत करते हुए भूजल का अनापत्ति प्रमाण पत्र/पंजीकरण प्रमाण पत्र/जनपद में कार्य किये जाने हेतु ड्रिलिंग एजेंसी का पंजीकरण प्राप्त करना सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही की दशा में अधिनियम-2019 में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी। किसी भी सहायता अथवा अन्य जानकारी हेतु नोडल अधिकारी/कार्यालय अधिशासी अभियंता, भूगर्भ जल विभाग खण्ड आजमग सिधारी आजमगढ़ सेे संपर्क किया जा सकता है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार