शहादत दिवस पर याद की गईं फूलन देवी

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अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय नगर पंचायत स्थित एकलव्य नगर में वीरांगना फूलन देवी के शहादत दिवस पर लोगो ने उन्हें पुष्प अर्पित कर याद किया। समाज के लोगों से एकजुटता बनाने की अपील करने के साथ ही फूलन देवी के विचारों को आत्मसात करने का अह्वान किया।
वीरेंद्र निषाद की अध्यक्षता में वीरांगना फूलन देवी की शहादत दिवस मनाई गयी। लोगों ने उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया। सुबास निषाद ने फूलन देवी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीवन काफी संघर्षमय रहा। जीवन भर अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ती रहीं। 1983 में आत्मसमर्पण किया। 11 साल तक जेल में रही और जेल से रिहा होने के बाद वह सांसद बनी। इस दौरान 2001 में उनकी हत्या कर दी गई। धर्मेंद्र निषाद राजू ने कहा कि फूलन देवी एक ऐसी महिला थी जो अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद रखती थीं। निषाद समाज के लोगों को आज उनके हक से वंचित किया जा रहा है। फूलन देवी का जन्म 10 अगस्त 1963 को हुआ था तथा उनकी मृत्यु 25 जुलाई 2001 को हुई थी। इस मौके पर संतराम निषाद, वीरेंद्र निषाद, सुरेंद्र निषाद, राजेंद्र निषाद, धर्मेंद्र निषाद, प्रेम बाबू, ज्ञान धनी, सोनू, शंकर, राम सरन, विकास, आनंद आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-आशीष निषाद

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