धूप के बाद भी ठंडी पड़ गई बाजार के भरोसे चाय की तलब

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रानी की सराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सिर को भारी कर देने वाली तीखी धूप के बाद भी बाजार के भरोसे चाय-पान की तलब पूरी करने वालों की तलब ठंडी पड़ती दिखी, तो कहीं बाहर से आकर रहने वालों का निवाला भी छिना। चाय-पान से लेकर सभी दुकानें बंद थीं, तो भोजनालय भी ताला लटका मिला। कारण बना लोकतंत्र के महापर्व पर बाजारों में सन्नाटा। चाय-पान की तलब पूरी नहीं हो सकी, तो कुछ लोगों ने पहले से जेब में रखे गुटखे से पान की तलब पूरी की।
लोकतंत्र के महापर्व पर छठवें चरण के मतदान के दिन शनिवार को प्रतिष्ठान बंद होने से सडको पर सन्नाटा पसरा रहा। हाईवे की सड़के सूनी रहीं। बाजारों मे देर शाम तक केवल मतदाताओं का ही आना-जाना रहा।
मतदान का दिन होने के कारण लोगों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। दुकाने बंद रहने से बाजारों में चहल-पहल गायब रही। सड़कों पर वाहनो का भी आवागमन नाम मात्र रहा। हालात यह रही कि सडकें वीरान रहीं। दुकानों के बंद होने से पानी की बोतलें लोग खोजते दिखे। दुकानों पर रहने वाले कर्मियों से लगायत दूर-दराज के दुकानदार भी लोकतंत्र के महायज्ञ में भागीदारी के लिए घरों की ओर रुख कर लिए। आजमगढ़-वाराणसी मार्ग के साथ ही शंकरपुर चेकपोस्ट पर सन्नाटा रहा। लिंक मार्गों पर वाहन न चलने से दूर से आने वाले यात्रियों को पैदल ही गंतव्य को जाना पड़ा। एक तरफ मतदान तो दूसरी तरफ धूप भी तेज रही। जो जहां था वहां गंतव्य की ओर जाने के लिए छांव होने का इंतजार करता रहा। धूप के चलते मतदान के दिन सड़कांे को क्रिकेट मैदान बनाने वाले युवा भी दोपहर बाद तक नजर नहीं आए। हां, मतदान समाप्त होने के बाद देर शाम कुछ लोग चट्टी-चौराहों पर दिखे और अपने-अपने बूथांे की गुणा-गणित लगाने में मशगूल हो गए।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा

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