आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक, यातायात, नोडल अधिकारी के पर्यवेक्षण में क्षेत्राधिकारी सदर की अध्यक्षता में एसजेपीयू, एएचटीयू की मासिक समीक्षा एवं समन्वय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में किशोर न्याय अधिनियम, 2015 पर विशेष प्रशिक्षण का आयोजन जनविकास संस्थान, आजमगढ़ द्वारा किया गया जिसमें जनविकास संस्थान के प्रोजेक्ट मैनेजनर हरिकेश विश्वकर्मा द्वारा बाल कल्याण अधिकारी व सहायक बाल कल्याण अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
बैठक में किशोर न्याय अधिनियम 2015 व उसमें हुए नवीनतम संशोधन, जेजे एक्ट के अन्तर्गत सामाजिक पृष्ठभूमि, न्यायालय किशोर न्याय बोर्ड में पुलिस अधिकारी रिमाण्ड लेने हेतु सादे वस्त्र में आने, जेजे एक्ट की धारा 34, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा जारी एसओपी, अनुसंधान एवं थानों पर नियुक्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, विवेचक के समक्ष आ रही समस्या, पीड़िता के आवासन, बाल गुमशुदा, बाल श्रम, नशामुक्त आभियान, बाल विवाह, बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम, लैगिंक समानता, नारी शक्ति, पोक्सो एक्ट के अभियोग पंजीकृत करने के 24 घण्टे के अन्दर सीडब्लूसी को सूचित करना, पोक्सो के मामले में फार्म ए व बी पुलिस द्वारा भरा जाना, बाल कल्याण अधिकारी के कर्तव्य और दिशा-निर्देश का पालन आदि के सम्बन्ध में विस्तृत रूप से चर्चा की गई। इस अवसर पर थाना एएचटीयू के प्रभारी उपनिरीक्षक विजय नारायण पाण्डेय, सीएमएस जिला महिला चिकित्सालय के डॉ.विनय कुमार सिंह, डिप्टी सीएमओ डॉ. एके चौधरी, यूनीसेफ के मण्डलीय बाल सुरक्षा सलाहकार नीरज शर्मा, सीडब्लूसी अध्यक्ष रजनीश श्रीवास्तव, जिला व सत्र न्यायालय के एडवोकेट प्रशान्त कुमार राय, श्रम विभाग के सुरेश चन्द, अभियोजन अधिकारी प्रभाष रंजन गुप्ता, आली संस्था, वन स्टॉप सेन्टर, आरपीएफ, जीआरपी, डीसीआरबी, थानों के बाल कल्याण अधिकारी, सहायक बाल कल्याण अधिकारी तथा थाना एएचटीयू के कर्मचारी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-सुबास लाल