सैनिक की निःस्वार्थ सेवा, कठिन परिश्रम व कर्तव्य निष्ठा सम्मान योग्य-जिलाधिकारी

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। 8वॉ सशस्त्र सेना वेटरन्स दिवस का आयोजन जिलाधिकारी आवास पर किया गया। इस मौके पर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने उपस्थित वीर नारियों व बहादुरी पुरस्कार विजेताओं को फूल माला, शाल, प्रतीक चिन्ह व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने वेटरन्स को सम्बोधित करते हुए कहा कि चाहे पूर्व सैनिक हो या सेवारत सैनिक हो, उनकी निःस्वार्थ सेवा, कठिन परिश्रम व कर्तव्य निष्ठा का सम्मान करते हैं और विश्वास दिलाते है कि आपकी समस्याओं का सभी विभागों में प्राथमिकता के आधार पर निवारण किया जायेगा। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने सम्बोधित करते हुए बताया कि हमारे सैनिक कठिन परिस्थितियों में भी अपने मनोबल को उच्च स्तर पर रखते हुए देश सेवा का निर्वहन करते है, वह दुनिया में अद्भुत है और हम उनका सम्मान करते है। ले. कर्नल बीरेन्द्र सिंह, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, अधिकारी ने बताया कि पहली बार वेटरन्स डे भारत में 14 जनवरी, 2017 को मनाया गया। भारतीय सेना के पहले भारतीय कमाण्डर इन-चीफ-फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा द्वारा प्रदान की गई सेवाओं के सम्मान और मान्यता के प्रतीक के रूप में इस दिवस को मनाया जाता है, फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा 14 जनवरी, 1953 को सेवा निवृत्त हुए थे। उन्होंने बताया कि हमारे जिले में लगभग 6000 वेटरन्स है, जिनमें 25 शहीद व 11 बहादुरी पुरस्कार विजेता हैं। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने उपस्थित वीर नारियों व बहादुरी पुरस्कार विजेताओं को फूल माला, शाल, प्रतीक चिन्ह व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का भारत माता की जय घोष के साथ समापन किया गया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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