मुंशीप्रेमचन्द्र की कृतियां सामाजिक बुराईयों पर आधारित-शीला

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सृष्टिमीडिया आजमगढ़। अखिल भारतीय चित्रांश महासभा के तत्वाधान में संगठन की मासिक बैठक शहर के कुर्मी टोला स्थित नगर पालिका अध्यक्ष शीला श्रीवास्तव के आवास पर रविवार की देर शाम संपन्न हुई। इस अवसर पर उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती विविध कार्यक्रमों एवं हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुंशी प्रेमचंद के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर एवं माल्यार्पण से किया गया। मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष शीला श्रीवास्तव ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने सरकारी नौकरी को त्याग कर हिंदी व उर्दू लेखक के रूप में समाज का काफी योगदान किया। प्रणीत श्रीवास्तव हनी ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने सदैव गरीब, मजदूरों और लाचारों के दुख दर्द को अपनी रचनाओं में स्थान दिया वह एक ऐसे उपन्यासकार थे जो उर्दू और हिंदी दोनों के मानने वालों के दिलों पर राज करते थे। वही संगठन के संरक्षक डॉ निरंकार श्रीवास्तव ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर नियुक्त थे जिसे त्यागपत्र देकर उन्होंने हिंदी और उर्दू दोनों में रचनाएं की जो उन्हें साहित्य शिखर पर बैठाया। इसीलिए उन्हें उपन्यास सम्राट भी कहा जाता है। मासिक बैठक में संस्था के मंत्री जगदंबा श्रीवास्तव ने नई कार्यकारिणी का परिचय कराया उपस्थित सदस्यों ने संस्था के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा किया। इस मौके पर कृष्णकांत श्रीवास्तव, सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, डॉ दुर्गेश, मनोज श्रीवास्तव, डॉ अशोक, राजेश, नागेंद्र, प्रणीत, डॉ निरंकार, नागेंद्र श्रीवास्तव, पंकज, पदमनाथ श्रीवास्तव, सर्वेश श्रीवास्तव, श्रीमती संगीता, रामसकल श्रीवास्तव सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट- प्रमोद यादव

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