पटवध आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। आरटीओ प्रशासन द्वारा विगत एक सप्ताह पूर्व नरौली तथा रोडवेज तिराहा पर वाहनों की चेकिंग की जा रही थी जिसके तहत एक ई-रिक्शा का फिटनेस और टैक्स जमा न होने के कारण आरटीओ विभाग द्वारा 21000 रुपए की चालान के साथ ई रिक्शा सीज कर दिया गया। दो-तीन दिन बाद ई-रिक्शा चालक अपनी पत्नी के साथ एआरटीओ कार्यालय में पहुंचकर अपनी आपबीती बताई और रोने लगा।
ई-रिक्शा चालक ने बताया कि जबसे उसकी गाड़ी सीज हुई है तबसे उसके घर खाने के लाले पड़ गए हैं। एकमात्र वही उसका सहारा था जिससे वह अपनी रोजी-रोटी चलाता था। अब उसके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह गाड़ी की चालान का पैसा जमा कर सके। सारी परिस्थितियों को सुनने के बाद आरटीओ प्रवर्तन तथा एआरटीओ प्रशासन ने अपने पास से 21000 चालान की राशि जमा करके फिटनेस और टैक्स के पेपर के साथ उसका ई-रिक्शा उसको वापस कर दिया। वह दोनों अधिकारियों को दुआएं देकर अपनी गाड़ी लेकर वापस घर गया। कुल मिलाकर आज के दौर में भी ऐसे अधिकारी हैं जो दूसरों की स्थिति परिस्थिति को समझते हैं। यह मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि काश ऐसे ही सारे अधिकारी और कर्मचारी हो जाते तो यह देश फिर सोने की चिड़िया कहलाता।
रिपोर्ट-बबलू राय