पवई आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से सटे गांवों अंडिका, छज्जोपट्टी, खुरचंदा के ग्रामीण तीसरे दिन भी धरने पर बैठे रहे।
ग्रामीणों ने कहा कि शासन पिछले साल से ही बिना किसी पूर्व सूचना के कभी ड्रोन से कभी राजस्व कर्मियों को भेजकर हमारी जमीनों का सर्वे करा रहा है जो गैर संवैधानिक है। जब हम एसडीएम फूलपुर से इस बाबत पत्रक के साथ मिले तब एसडीएम फूलपुर और उनके सह कर्मचारी ने इस सर्वे के बारे में अनिभिज्ञता जताई और स्पष्ट कहा कि ऐसे किसी सर्वे की जानकारी हमें नहीं है। ग्रामीणों की मांग पर इस फर्जी सर्वे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया। चंद दिन बीता ही था की स्थानीय समाचारपत्रों के माध्यम से ग्रामीणों को यह जानकारी मिली कि उनकी जमीन और मकान सब किसी औद्यागिक गलियारे के नाम पर ली जाएगी। 22 मार्च को लेखपाल के आने के बाद स्थानीय लोग और भयभीत हो गए। जब लेखपाल ने यह कहा कि इस बार की फसल काट लीजिए क्योंकि सरकार आपकी जमीन अब ले लेगी। ऐसे में लोगों ने यह निर्णय लिया कि हम अपनी एक इंच जमीन नहीं देंगे और धरने पर बैठ गए। धरने में पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव वीरेंद्र यादव, किसान नेता राजीव यादव, निशांत राज, कामरेड सुरेश गुप्ता, कामरेड मुखराम, आलोक, प्रभाकर, मिथिलेश, विद्या, बदामा, कमला देवी, नवाती, तारा देवी, विशाल आदि शामिल रहे। संचालन सुधाकर और अध्यक्षता कौशल्या देवी ने किया।
रिपोर्ट-नरसिंह