जब भी धर्म की हानि हुई, भगवान ने लिया अवतार

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अंजानशहीद आजमगढ (सृष्टिमीडिया़)। सगड़ी तहसील क्षेत्र के हरसिंहपुर में श्री शीलता माता मंदिर सेवा समिति के तत्वावधान में 22 से आरम्भ होकर 30 मार्च तक श्रीरामकथा का आयोजन चल रहा है जिसमें डाँ.उमाकान्ता नंद सरस्वती कथा वाचक हैं। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने मानवता के मर्यादाओं में रहकर लीला किया। सत्य सनातन धर्म उनके आदर्शों पर चल रहा है। धर्म की जब भी हानि हुई है उसकी स्थापना के लिए भगवान ने अवतार लिया है।
उन्होंने कहा कि प्रेम की निशानी तो रामसेतु है। लोगों ने अन्य को बेवजह प्रेम के नाम पर तवज्जों दे दिया। जिस रामसेतु की स्थापना बानर भालू के सहयोग से हो गयी जिसके लिए उस सेतु का निर्माण हो गया। उससे बड़ा प्रेम का और उदाहरण क्या हो सकता है। उन्होंने छोटी कहानियों से जीवन में आने वाले तमाम परेशानियों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि समस्याओं को सिर पर ढोने से अच्छा है कि सब भगवान को सौंप दीजिए। मानव है तो मानवता का मिसाल दें। आजकल के आदमी से ज्यादा जानवर वफादार है। कथा की शुरुआत में लोगों ने श्री सरस्वती जी का माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया। अंत में श्री राम जी की आरती हुई। आरती धर्मेंद्र सिंह, मनोज कुमार श्रीवास्तव, दिवाकर सिंह, बंदना सिंह, डा.अंजना सिंह के कर कमलों से हुआ। इस अवसर पर राजेश सिंह, गोपाल सिंह, जयशंकर सिंह, राहुल शर्मा, सत्यप्रकाश सिंह, दुर्गेश सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-फहद खान

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