आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में खिरिया बाग में 139वें दिन धरना जारी रहा। किसान नेताओं और महिलाओं व सांस्कृतिक कर्मियों ने अपने सम्बोधन को गीतों व भाषण के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस दौरान जमकर सरकार विरोधी नारे भी लगाये गये।
वक्ताओं ने कल सांसद दिनेश लाल निरहुआ के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि शासन मौखिक तौर पर जब नहीं चल रहा तो आश्वासन मौखिक क्यों दिया जा रहा है? सांसद निरहुआ को शासन से किसानों के पास लिखित आश्वासन भेजवा देना चाहिए लेकिन वे किसान नेताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट करवाने की बात कर रहें हैं। आखिर क्यों लिखित रुप से शासनादेश भेजकर सार्वजनिक करने में देरी की जा रही है। इतने दिन से खिरिया बाग के धरनारत महिलाओं, किसानों, मजदूरों को क्यों परेशान किया जा रहा है। धरना देने वालों को विपक्ष की राजनीति से प्रेरित होने का आरोप मढ़ा जा रहा है?
सत्तासीन सरकार लोकतांत्रिक संवाद की प्रणाली को ही खत्म कर देना चाहती है। कभी लोकगायिका नेहा सिंह राठौर को निशाना बना रही है, तो कल मीडियाकर्मी को। अब वह किसानों, मजदूरों, महिलाओं के धरने को भी निशाना बना रही है’। खिरिया बाग की लड़ाई अपने लोकतंत्र बचाने की लड़ाई है। शासन द्वारा जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
धरने को रामनयन यादव, दुखहरन राम, राजेश आज़ाद, रामकुमार यादव, नरोतम यादव, सूरजपाल, दान बहादुर मौर्या, अशोक यादव, मुरारी, सुनीता, किस्मती देवी, महेंद्र राय, रामधनी, नीलम, सुशीला, कालिंदी, सुशीला शर्मा, अजय यादव आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता महेंद्र राय और संचालन नीलम ने किया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार