अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्वास्थ्य केंद्र समेत ग्रामीण अंचलों में फाइलेरिया मुक्ति अभियान शुरू हुआ। जनपद में 47 लाख लोगों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य रखा गया है।
शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतरौलिया में फाइलेरिया मुक्त अभियान की शुरुआत एडीओ पंचायत असबिंद कुमार यादव तथा डॉ.एसके जायसवाल ने संयुक्त रूप से दवा का सेवन करके किया। आम तौर पर हाथी पांव के नाम से जाना जाने वाले रोग फाइलेरिया उन्मूलन के लिये (आईडीए) यानी सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर 10 फरवरी से शुरू किया गया। फाइलेरिया मुक्ति अभियान के दौरान जनपद में 47 लाख लोगों को निर्धारित दवा सेवन कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से ग्रस्त लोगों को दवा नहीं खिलाई जायेगी। अभियान में 136 टीमें लगायी गयी है, जिसमें आशा, आशा संगिनी एवं सुपरवाइजर कर्मी घर-घर भ्रमण करेंगे। ग्रामीण अंचलों में ग्राम प्रधान द्वारा दवा खा कर इसका शुभारंभ किया गया। अपनी निगरानी में डीईसी, आइवरमेकटिन व एल्बेंडाजोल यानी (ट्रिपल ड्रग थेरेपी) 6 दवा खिलाएंगे। डॉ.एसके जयसवाल ने कहा कि दवा पूरी तरह सुरक्षित है, खाली पेट नहीं खानी है। अलग अलग उम्र का डोज भी अलग अलग है। दो साल से कम उम्र के बच्चों को दवा नहीं खिलाई जायेगीद्यदो से पांच साल तक के बच्चों को डीईसी की एक और एल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। एल्बेंडाजोल को चबा कर खाना है। छह से 14 साल के बच्चों को डीईसी की दो और एल्बेंडाजोल की एक टेबलेट दी जायेगी। जबकि 15 साल या उस से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन और एल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जायेगी। आइवरमेक्टिन की गोली लम्बाई एवं उम्र के अनुसार खिलाई जायेगी। इस अवसर पर स्वास्थ अधीक्षक डॉ.शिवाजी सिंह, डॉ.जितेंद्र, शिवकुमार, विनोद गुप्ता आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-आशीष निषाद