लालगंज सांसद ने जनपद के विकास के लिए संसद में उठाया मुद्दा

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ठेकमा आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। केंद्र सरकार के बजट में इनके घोषणाओं और उम्मीदों की बरसात होती रही है। किन्तु वे सब बेइमानी हो गयी क्योंकि भारत का मध्यम वर्ग मंहगाई, गरीबी, बेरोजगारी और कोविड के चलते लोवर मीडिल क्लास बन गया।
संगीता आजाद ने संसद में अपनी आवाज उठाते हुए कहा कि यह बजट पिछले वित्तीय वर्षों से कुछ ज्यादा अलग नहीं है। सरकार अपने पिछले वर्षों की कमियों को नहीं बताती। अपने कमियों को छिपाने के लिए नए वादों की झड़ी लगा देती है। सच्चाई यह है कि सौ करोड़ से अधिक जनता का जीवन हमेशा दाव पर लगा रहता है। उन्होंने कहा कि 2023-24 में सरकार द्वारा एकलव्य माडल आवास के लिए 3943 करोड़ रुपए की वृद्धि की गयी जो सराहनीय कदम है। अनुसूचित व ओबीसी छात्रों को इस तरह के छात्रावासों की जरूरत है। खासकर मेरे आजमगढ़ में अभी भी कई एकड़ सरकारी जमीन खाली पड़ी है यह जनपद एक मंडल है जहां महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय भी संचालित है। इसके चलते कई जनपदों के छात्र यहां पठन पाठन करने आते हैं। इन छात्रों के लिए इसी तरह के कोचिंग सेंटर व छात्रावास बनाये जायं। बजट में ब्लाक कार्यक्रम की सफलता को सरकार स्वास्थ्य पोषण शिक्षा, कृषि जल संसाधन वित्तीय कार्यक्रम के लिए सरकार पांच सौ ब्लाकों का चयन करने का कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। आजमगढ़ के समस्त ब्लाकों को इस योजना से जोड़ने का कार्य किया जाय।
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महाविकास योजना की रुपरेखा तैयार न होने से विकास ठप
ठेकमा आजमग। संसद में बोलती हुई सांसद संगीता आजाद ने कहा कि आजमगढ़ में महाविकास योजना की रूपरेखा अभी तक तैयार नहीं है जिसके कारण भूमि आवंटन नहीं हो पाया है। कौन ग्रीन लैण्ड, औद्योगिक क्षेत्र, कहां सरकारी जमीन, कहां पार्क, कहां क्रीड़ा स्थल व कहां वनीकरण है, इसका कोई भी मास्टर प्लान अभी तक तैयार नहीं है। एडीए ने 2021 में महायोजना का प्लान बनाकर शासन को भेजा है लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पायी है। अमीर, गरीब अपने आशियाने का सपना संजोये इस प्लान को लागू करने का इंतजार कर रहे हैं। औद्योगिक भूमि अलग न होने के कारण कारपोरेट व बड़े ब्राण्ड की कंपनियां जनपद में रूख नहीं कर रही हैं जिसके कारण यहां विकास व रोजगार पूरी तरह से ठप है।
आजमगढ़ चारों तरफ से तमसा व घाघरा से घिरा हुआ है। हर साल बाढ़ से सैकड़ों जानमाल का नुकसान होता है। मेरी सरकार से मांग है कि रिवर फण्ड बनाकर बाढ़ को नियंत्रित किया जाय। हाल ही में प्रधानमंत्री ने गंगा नदी में कामर्शियल ग्रुप का उद्घाटन किया मैं चाहती हूं कि मेरे जिले की नदियों को भी जोड़ा जाय जिससे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जो नदियों से नदियों को जोड़ने का सपना देखा था उसे पूरा किया जा सके। आजमगढ़ के चारों तरफ रिंग रोड का प्लान बनाकर जोड़ा जाय और उसे मेरे संसदीय क्षेत्र लालगंज, फूलपुर निजामाबाद तथा बूढ़नपुर तहसील को जोड़ा जाय। एनएच 233 पिछले 6 वर्षों से बनने को है लेकिन आज तक उसका कार्य पूरा नहीं हुआ। पीएमजेएसवाई सड़क योजना अंतर्गत सिर्फ 50 प्रतिशत ही काम हुआ है। हर घर नल योजना अंतर्गत अभी तक 30 प्रतिशत ही सर्वे हुआ है। आजमगढ़ में घरेलू उद्योग गलियारे की स्थापना की जाय। जनपद का मंदुरी एयरपोर्ट पूरी तरह से बनकर तैयार है, उसे जल्द से जल्द संचालन में लाया जाय और मंदुरी से तहबरपुर, निजामाबाद, मुहब्बतपुर, आजमगढ़ वाराणसी फोरलेन से जोड़ा जाय। आजमगढ़ के इटौरा महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, चक्रपानपुर मेडिकल कालेज, मेहनाजपुर सिधौना तक पूरी सड़क को फोरलेन में तब्दील किया जाय जिससे वाराणसी और आजमगढ़ के लिए सीधा मार्ग बन जाय और ट्रैफिक बंट जाय जिससे आजमगढ़ और मेडिकल कालेज जाने के लिए राह आसान हो जाय। आजमगढ़ वाराणसी नई रेलवे लाइन का बजट 2022-23 में स्वीकृत किया गया है लेकिन इसका कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। इसमें तेजी लायी जाय। लालगंज में स्टेशन बनाया जाय जिससे लोकल प्रोडक्ट अनाज, फल आदि के निर्यात में आसानी हो सके और एक वंदे भारत ट्रेन मेरे भी जिले में चलायी जाय।
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छोटे उद्यमियों को आधुनिक उपकरणों से किया जाय लैस
ठेकमा आजमगढ़। संसद में बोलती हुई सांसद संगीता आजाद ने कहा कि आजमगढ़ में ब्लैक पाटरी उद्योग, काले मिट्टी के बर्तन का उद्योग और रेशम उद्योग में मुबारकपुर की साड़ियां शामिल हैं, ऐसे छोटे-छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए इनके बिजली बिल को माफ किया जाय। इनको आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाय तथा जीएसटी से मुक्त किया जाय। छोटे व्यापारियों को व्यापारिक क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान की जाय। आजमगढ़ में लाल सोना कहे जाने वाले लाल मिर्च की खेती होती है इसके भण्डारण एवं निर्यात का प्रबंधन न होने के कारण इसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। इसके लिए कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की जाय। सनई की खेती पहले हमारे यहां होती थी लेकिन अब मृतप्राय हो चुकी है। किसानो को प्रोत्साहित किया जाय जिससे जूट उद्योग यहां स्थापित हो सके। मेरी सरकार से मांग है कि आर्गेनिक खाद और श्रीअन्न (मोटा अनाज) के बीज उपलब्ध कराया जाय जिससे आजमगढ़ में इस तरह के अन्न की भारी मात्रा में खेती हो सके। मत्स्य संपदा योजना के तहत लोगों को प्रोत्साहित किया जाय।
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नदियों पर पुल बनाकर गांवों को एक्सप्रेस-वे और फोरलेन से जोड़ा जाय
ठेकमा आजमगढ़। सासंद संगीता आजाद ने कहा कि आजमगढ़ नदियों और तालाबों से घिरा है नदियों पर पुल बनाकर गांवों को एक्सप्रेस-वे और फोरलेन से जोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र से 40 किमी प्रधानमंत्री का क्षेत्र है और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री का क्षेत्र जुड़ा है। आजमगढ़ बीच में होने के कारण पूर्वांचल का दिल कह सकते हैं, यह दोनों क्षेत्रों से बड़ा जिला है जिसका विकास अधूरा है। अमृत काल का यह बजट उत्सव मनाने वाला है लेकिन आजमगढ़ को यदि अतिरिक्त बजट दे दिया जाय तो यहां के लोग भी उत्सव मना सकें।
रिपोर्ट-एमके राय

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