छह विकास खंडों के लगभग 90 गांवों की स्वयंसेवी महिलाओं का चयन
गाजीपुर (सृष्टि मीडिया)। हार्पिक सेफर टॉयलेट फॉर आल के अंतर्गत दस्त प्रबंधन हेतु डब्ल्यूएचओ-07 बिंदु पर 1185 महिलाओं को स्वच्छता प्रहरी के रूप में प्रशिक्षित किया गया। रेकिट इंडिया और पहल के संयुक्त तत्वावधान में संचालित परियोजना ‘डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया’ के तहत डायरिया नेटजीरो एवं हार्पिक सेफर टॉयलेट फॉर आॅल का सफल संचालन किया जा रहा है। परियोजना के अंतर्गत जिले में चयनित स्वयंसेवी महिलाएं लीड स्वछता प्रहरी के रूप में सक्रीय हैं। इनके द्वारा जिले के छह विकास खंडों के लगभग 90 गांवों की स्वयंसेवी महिलाओं का चयन किया गया था। उन महिलाओं को स्वच्छता प्रहरी के रूप में सक्रीय भूमिका निभाने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
भोजन से पहले और शौच के बाद साबुन से धोएं हाथ
जानकारी के अनुसार, अभी तक 79 बैचों के माध्यम से 1185 महिलाओं को दस्त प्रबन्धन के लिए विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा सुझाए गए सात सूत्रीय कार्यक्रम पर प्रशिक्षित किया गया। पहल संस्था के राज्य कार्यक्रम अधिकारी सुनील पाण्डेय पहल ने बताया कि महिलाओं को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से रोचक तरीके से प्रशिक्षण दिया गया। फोम के गुड्डे से महिलाओं को बच्चो में दस्त के दौरान होने वाले निर्जलीकरण को समझाया गया। भोजन से पहले और शौच के बाद सदैव साबुन से हाथ धोने के सही तरीके के बारे में सिखाया गया। ओआरएस-जिंक की सही खुराक किस तरह से दस्त को पस्त कर सकती है यह भी महिलाओं को बताया गया।
दी गई आवश्यक जानकारियां
संस्था की जिला समन्वयक पूजा प्रिया पांडेय ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान उपयोग की जाने वाली प्रशिक्षण सामग्री काफी सहज और रोचक है, जिनका उपयोग महिलाये आसानी से विषय को समझने और समझाने के लिए करती है। उनका कहना था कि प्रशिक्षण का समग्र उद्देश्य प्रतिभागियों को उनकी भूमिकाओं की स्पष्ट समझ विकसित करने के लिए और आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने के लिए किया गया। प्रशिक्षण का समापन मौके पर उपस्थित विकास खंड अधिकारी, ग्राम प्रधान, प्रधानाध्यापक आदि के द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र देकर किया गया। इस अवसर पर देवकली, बिरनो, मरदह, सादात, रेवतीपुर, बालाचंदर के ब्लॉक क्वॉर्डिनेटर भी उपस्थित थे।