शांति सद्भाव और लोकतंत्र को बचाने सड़क पर उतरा नागरिक समाज

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सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की साजिशों के विरुद्ध बनाई मानव श्रृंखला
आजमगढ़ (सृष्टि मीडिया)।
देश के विभिन्न हिस्सों में हथियारबंद संघ ब्रिगेड के संगठनों द्वारा की जा रही सांप्रदायिक हिंसा के विरुद्ध नागरिक समाज के लोग सड़क पर उतरे। कुंवर सिंह उद्यान से मार्च करते हुए जिला मुख्यालय पहुंचे और वहां मानव श्रृंखला बनाकर अपना प्रतिवाद दर्ज कराया। प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, भाकपा(माले), सीपीएम, जनवादी लोक मंच,बोल्सेविक पार्टी सहित तमाम संगठनों के नेता कार्यकर्ता, अधिवक्ता व अन्य गणमान्य लोग शामिल थे।
मार्च एवं मानव श्रृंखला में सांप्रदायिक फासीवाद मुर्दाबाद, अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज पर हमले बंद करो, देश को सांप्रदायिक उन्माद में झोंकने की साजिश नहीं चलेगी, भोजन वस्त्र पर प्रतिबंध नहीं चलेगा, लोकतंत्र पर हमले नहीं सहेंगे, खरगौन, दिल्ली समेत तमाम जगहों पर हुई सांप्रदायिक हिंसा की न्यायिक जांच कराओ आदि नारे लग रहे थे। वक्ताओं ने कहा कि संघ गिरोह के हथियारबंद लम्पट जिस तरह बैखौफ होकर मुस्लिम समाज पर हमले कर रहे हैं, मस्जिदों पर भगवा झंडे फहरा रहें हैं वह बेहद ही खतरनाक है। खरगौन, जेएनयू से लेकर दिल्ली के जहांगीरपुरी तक इन उन्मादी गुंडा गिरोहों द्वारा की गई हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी की शातिराना चुप्पी और सुप्रीम कोर्ट तक की अक्षमता से यह स्पष्ट है कि लोकतांत्रिक व सांविधानिक संस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि दंगाइयों पर कार्रवाई की बजाय पीड़ितों को जेल में डाल दिया गया और खरगौन में तो उनके घरों पर बुल्डोजर चला दिया गया। इससे स्पष्ट है कि सत्ता मशीनरी दंगाइयों के पक्ष में है और न्याय नदारद। उन्होंने कहा कि कहीं भी कानून का शासन नहीं दिख रहा। वक्ताओं ने कहा कि जब पूरी सत्ता मशीनरी दंगाइयों के समर्थन में खड़ी हो और लोकतांत्रिक संस्थाएं असहाय नजर आ रही हों तो नागरिक समाज और आम जन की जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वे इन उन्मादी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने हेतु संघर्ष में उतरें। प्रदर्शनकारियों ने हाल में हुई सांप्रदायिक घटनाओं की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच एवं दोषी संगठनों व व्यक्तियों को दंडित करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने लोकतंत्र को इस तरह ध्वस्त होते नहीं देख सकते और उसे बचाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। यदि ये घटनाएं नहीं रुकीं तो नागरिक समाज आंदोलन तेज करेगा।

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