मनबढ़ लोगों के खिलाफ कार्रवाई से हड़कंप
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। सरकार के माध्यम से चलाए गए एंटी भूमाफिया जैसे अभियान भी गांवों के तालाबों को कब्जा मुक्त न करवा सके। अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने तालाब की जमीन पर कब्जा कर पक्के निर्माण करवा डाले और प्रशासन एंटी भूमाफिया का अभियान कागजों पर चलाता रहा। अब कब्जेदारों को नोटिस जारी किए गए हैं। स्थानीय तहसील क्षेत्र के कचनार गाँव में संगम तालाब की बदहाली के बावत विगत दिनों पहले मीडिया में ख़बरें प्रकाशित होने के बाद ब्लाक व तहसील कर्मियों ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया था। उन्होंने अतिक्रमण करने और अवजल बहने वालों को एक सप्ताह में अवैध कब्जा हटाने का नोटिस दिया है।
ग्रामीणों के मुताबिक तालाब के उत्तरी और पश्चिमी हिस्से में अतिक्रमणकारियों ने अवैध कब्जा कर रखा है। कुछ लोगों ने तो तालाब पाईप लाईन डालकर सीधे अवजल तालाब में बहा रहे है और गांव के प्रधान, सचिव और लेखपाल मौन बने रहे। तालाब के नाम पर चारों तरफ़ जलकुंभी, घास व झाडि़यां मात्र बची हैं। कई वर्षों से तालाब की खुदाई नहीं हुई जिसके कारण तालाब पट चुका है। यह सब तहसील मुख्यालय से महज एक किमी की दूरी पर स्थित राजातालाब चौराहे राजमार्ग 19 के दक्षिणी तरफ़ धार्मिक महत्ता के पंचक्रोशी मार्ग पर स्थित ऐतिहासिक संगम तालाब में होता रहा है। सरकार ने भूमाफिया से निपटने के लिए एंटी भूमाफिया का गठन किया था लेकिन एंटी भूमाफिया केवल कागजों में ही चलता रहा और धरातल पर तालाब की जमीनों पर पक्के मकान बन गए। स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने अवैध कब्जा नहीं हटाने पर ग्राम प्रधान, सचिव, लेखपाल पर मुकदमा दर्ज करवाने और तहसील प्रशासन द्वारा अवैध कब्जा हटाने की चेतावनी दी।
ग्रामीण कृष्णा प्रसाद जायसवाल, मनोज पटेल, शेखर जायसवाल, राजू विश्वकर्मा, पप्पू विश्वकर्मा आदि बताते हैं कि अभी तक जितने प्रधान रहे उन्होंने कभी भी इस तालाब की ओर ध्यान नहीं दिया। सचिव की भी भूमिका ठीक नही रही। जिसके कारण तालाब पर अतिक्रमण होते गए जबकि तालाब ग्रामीणों की जरूरतों में प्राथमिकता पर आता है। सारे अभियान यहां आकर दम तोड़ गए। प्रधान प्रतिनिधि विजय पटेल ने बताया कि पूर्व में जो भी प्रधान चुने गए उन्होंने तालाब की खुदाई तक नहीं कराई और न ही तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराया। अब जिलाधिकारी के निर्देश पर तालाब से अतिक्रमण हटवाया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने के लिए एक दर्जन से अधिक कब्जे धारकों को नोटिस दिया गया है।
रिपोर्ट : अमन विश्वकर्मा