भारी सुरक्षा के तहत मंदिरों में चला दर्शन-पूजन
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। सोमवार से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आज चौतरफा जय जगदंबे और जय माता दी की गूंज सुनाई दे रही है। सर्वप्रथम अलईपुरा स्थित शैलपुत्री देवी के मंदिर और दुर्गाकुंड मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। आज भोर से ही यहां लम्बी कतारें लग गई थीं। पौराणिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन नौ देवियों में से मां शैलपुत्री के दर्शन-पूजन का विधान है। दुर्गा सप्तशती के अनुसार मां भगवती की पूजा-अर्चना से सुख और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।
दुर्गाकुंड मंदिर में उमड़ी भारी भीड़
बतादें, दुर्गाकुंड मंदिर का उल्लेख काशी खंड में भी मिलता है। लाल पत्थरों से बने अति भव्य इस मंदिर के एक तरफ दुर्गाकुंड है। शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां को कुष्मांडा माता के रूप में यहां पूजा जाता है। लेकिन, नवरात्रि के सभी दिन यहां भारी संख्या में भक्त दर्शन-पूजन के लिए उमड़ते हैं। दुर्गाकुंड मंदिर काशी के पुरातन मंदिरो में से एक है। इस मंदिर का उल्लेख काशी खंड में भी मिलता है। लाल पत्थरों से बने अति भव्य इस मंदिर के एक तरफ दुर्गा कुंड है। शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां को कुष्मांडा माता के रूप में यहां पूजा जाता है। लेकिन, नवरात्रि के सभी दिन यहां भारी संख्या में भक्त दर्शन-पूजन के लिए उमड़ते हैं।
बोले सम्पतकुमाराचार्य, दुर्गा की हाथी की सवारी है शुभ

वैष्णव मठ के पीठाधीश्वर स्वामी सम्पतकुमाराचार्य ने कहा कि मां दुर्गा की हाथी की सवारी को शुभ माना जाता है। यह बच्छी बारिश का भी सूचक है। मां दुर्गा की हाथी की सवारी को अच्छी खेती और फसलों की बेहतर पैदावार के लिए भी शुभ माना जाता है। इससे धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं। स्वामीश्री ने कहा कि कन्या राशि में स्वराशि बुध, चंद्रमा, सूर्य की शुक्र युति होने के कारण इस वर्ष नवरात्रि बेहद ही शुभदायक है। विशेष रूप से से मिथुन राशि और कन्या राशि वाले जातकों के लिए यह नवरात्रि लाभदायक सिद्ध होगी। ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने कहा कि कन्या राशि में स्वराशि बुध, चंद्रमा, सूर्य की शुक्र युति होने के कारण इस वर्ष नवरात्रि बेहद ही शुभदायक है। विशेष रूप से से मिथुन राशि और कन्या राशि वाले जातकों के लिए यह नवरात्रि लाभदायक सिद्ध होगी।
रिपोर्ट: अमन विश्वकर्मा