पटवध आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बिलरियागंज थाना अंतर्गत तुर्क पड़री गांव निवासी सुरेश यादव के परिवार ने ब्राह्मणों द्वारा बनाई गई वर्ण व्यवस्था के अंदर आने वाले ब्रह्मभोज यानि तेरही नामक संस्कार का तिरस्कार कर दिया है। जिसे लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है।
बीते 9 जुलाई को सुरेश यादव की माता का देहांत हो गया है। सनातन धर्म के अनुसार मृत्यु के पश्चात जो संस्कार होते हैं सुरेश यादव के परिवार ने उसका तिरस्कार कर दिया। इन संस्कारों में एक संस्कार तेरही होती है जिसमें मृत आत्मा की शांति के लिए ब्राह्मण के साथ-साथ रिश्तेदार ग्रामीण तथा क्षेत्रीय जनता को भोजन कराया जाता है, जो 22 जुलाई को होना था। किंतु यादव परिवार ने इस पूरे संस्कार को पूरी तरह से ठुकरा दिया।
इस संबंध में सुरेश यादव ने कहा कि ऐसा करने से अच्छा है कि हम अपने माता-पिता या कोई भी व्यक्ति जब तक जिंदा है उसकी पूरी तन्मयता के साथ सेवा करें और उसे भोजन दें। उसे किसी भी प्रकार का कष्ट न पहुंचाएं। अगर आपको दान पुण्य करना है तो माता-पिता या किसी के मरने के बाद नहीं उनको जिंदा रहते ही पास पड़ोस गांव में या रिश्तेदारी में जो जरूरतमंद गरीब हैं उनकी पैसे, कपड़े राशन आदि से मदद की जाए। किसी गरीब दुखिया के शादी विवाह या किसी भी उसकी समस्या में मिलकर तन मन धन और निस्वार्थ भाव से मदद करें।
रिपोर्ट-बबलू राय