महिला सशक्तिकरण कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। श्री अग्रसेन महिला महाविद्यालय में महिला सशक्तिकरण चुनौतियां एवं समाधान विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में जनपद के 12 इंटर कालेजों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती व महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण से हुआ। डॉ.दीपिका दूबे ने कहा कि प्रतियोगिता का उद्देश्य महिलाओं को अपने समानता, स्वतंत्रता व समाज में महिलाओं के अधिकारों, अवसरों और उनके सशक्तिकरण की आवश्यकता के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है।
भाषण प्रतियोगिता में शिब्ली गर्ल्स इंटर कॉलेज, श्री अग्रसेन कन्या इंटर कॉलेज की छात्राओं राबिया दाउद, इकरा अयूब व जान्हवी वर्मा ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। पोस्टर प्रतियोगिता में शिब्ली गर्ल्स इंटर कॉलेज व श्री अग्रसेन कन्या इंटर कॉलेज की छात्राओं ईशा राजभर, तसमिया दीन व महिमा साहनी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
महाविद्यालय के प्रबंधक ने कहा कि महिला सशक्तिकरण कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है। समाज की आधी आबादी को सशक्त किए बिना कोई भी देश समृद्ध नहीं हो सकता। नारी शक्ति का सम्मान करना, उसे शिक्षा देना, समान अवसर देना यही एक सशक्त और संतुलित समाज की नींव है। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो.निशा कुमारी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का अर्थ पुरुषों से प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि उनके साथ समान अधिकारों और अवसरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना है। समाज तभी संतुलित हो सकता है जब दोनों लिंग समान रूप से सम्मान और अवसर प्राप्त करें।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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