मेंहनगर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय कस्बे ऐतिहासिक लखरांव पोखरे के दिव्य श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 29 जनवरी से 2 फरवरी तक, श्री हरि कथा का आयोजन किया गया है। कथा के प्रथम दिवस में दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य साध्वी अनन्ता भारती ने शिव विवाह प्रसंग प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि भगवान शिव विश्वास और पार्वती श्रद्धा की प्रतीक है। श्रद्धा और विश्वास के बगैर राम की कथा समझा नही जा सकता है। उन्होंने राम की महिमा गाते हुए कहा कि प्रभु श्री राम का चरित्र विश्व संस्कृति में एक उज्जवल एवं सर्वत्र परिव्याप्त वर्णातीत सत तत्व है। भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में राम कथा का विशिष्ट स्थान है। राम जी के बिना भारतीयता का अस्तित्व एवं उसकी पहचान भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का आधार प्रभु श्री राम है लेकिन उन्हें हम अपनी बुद्धि के द्वारा कभी समझ ही नहीं सकते। उन्होंने माता सती के प्रसंग के माध्यम से समझाया कि सती बुद्धि से इन्द्रियों से राम जी की लीला और उनके रहस्य को समझना चाहती थी पर नाकामयाब हुई। ठीक इसी प्रकार मन बुद्धि से हम अध्यात्म को समझ नहीं सकते क्योंकि अध्यात्म का अर्थ होता है आत्मा का अध्ययन आत्मानुभूति। जो केवल एक गुरु की कृपा से ही हम कर सकते है। मंचासीन स्वामी ब्रह्महेशानन्द जी ने मंच संचालन करते हुए कहा कि दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी केवल ईश्वर की बात नहीं करते हैं दिव्य नेत्र के माध्यम से उस परम प्रकाश स्वरूप राम को मनुष्य के अन्तर्घट दर्शन करवाते हैं।
रिपोर्ट-धीरज तिवारी