आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। 1098 का उद्देश्य आजमगढ़ में उस समय में पूरा होते देखा गया जब एक मूकबधिर बालक काफी जद्दोजहद के बाद अपने पिता से मिला और गले मिलकर भावुक हो उठा। मानसिक रूप से परेशान मूकबधिर बच्चें की मुस्कुराहट और भाव देखकर चाइल्ड हेल्प लाइन की पूरी टीम गदगद नजर आई। उन्होंने इसके लिए हर सहयोगी को आभार जताया।
जिला प्रोबेशन अधिकारी डी.सी. त्रिपाठी ने बताया कि 21 जून 2025 को कन्ट्रोल रूम 1098 से सूचना प्राप्त हुआ तो तत्काल जहानागंज थाना पुलिस से समन्वयक स्थापित करते हुए बच्चे का जीडी जहानागंज थाने में अंकित कराया गया। इसके बाद बच्चे का मेडिकल हुआ। इसके बाद बच्चे को चाइल्ड हेल्प लाइन को सौंपा गया। बच्चा मूकबधिर होने के कारण कुछ भी बता पाने में असमर्थ्य था। जिला प्रोबेशन अधिकारी के दिशा-निर्देश पर बच्चें का फोटो को पम्पलेट पर लगाकर व्यापक स्तर पर प्रसारित कराया गया। एक तरफ जहां सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर बच्चे की खोजबीन की अपील की जा रही थी वहीं दूसरी तरफ हमारी चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम के प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर संजय शाही व चाइल्ड लाइन की टीम द्वारा बच्चे को आटो से लेकर नगर कि प्रमुख मुहल्ले नरौली, रोडवेज, सिधारी व ग्रामीण इलाके शाहगढ़ आदि स्थानों पर भ्रमण कर बहुतेरे स्थानीय लोगों से सम्पर्क स्थापित किया गया। युद्धस्तर पर खोजबीन का परिणाम रहा कि 14 वर्षीया मूकबधिर और मानसिक रूप से परेशान बालक की फोटो के साथ सूचना गांव-गांव पहुच गई। इसी का परिणाम रहा है कि रविवार की सुबह उसके परिजनों का फोन आया। हमने उसके परिजनों को चाइल्ड लाइन का पता बताया। इसके बाद उसके पिता विजयी राम पुत्र स्व राजदेव राम ग्राम निजामपुर पोस्ट सुल्तानीपुर थाना चिरैयाकोट, तहसील मुहम्मदाबाद गोहना, जनपद मऊ और बुआ शकुतंला पहुंचे तो अपने पिता और बुआ ने बालक की पहचान बादल के रूप में किया। अपने परिजनों को पाकर बादल खुश हो उठा। विभागीय कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रजनीश श्रीवास्तव के समक्ष चाइल्ड लाइन टीम द्वारा बादल को प्रस्तुत किया गया। श्री श्रीवास्तव द्वारा कार्यवाही पूर्ण करते हुए बादल को बहन और बुआ की उपस्थिति में पिता विजयी राम को सुपुर्द किया गया। इस दौरान परिजनों ने चाइल्ड हेल्प लाइन टीम का आभार जताया।
रिपोर्ट-दीपू