आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। ठंड ने दस्तक दे दी है और उसी के साथ हर साल की भांति बड़े तालों के किनारे प्रवासी पक्षियों का आगमन भी शुरू हो गया है। … लेकिन दुखद यह कि उनके जान के दुश्मन भी जाल के साथ तैयार हो गए हैं और आए दिन दर्जनों मेंहमान पक्षियों की जान ले रहे हैं। इस बात की पुष्टि खुद पुलिस की कार्रवाई से हो चुकी है। जिले में सगड़ी तहसील के ताल सलोना, रानी की सराय के ताल बड़ैला सहित कई तालों के किनारे विदेशी पक्षियों का आगमन ठंड शुरू होने के साथ होने लगता है। मेहमान विदेशी पक्षियों का बेरहमी से कत्ल कर दिया जाता है और उसके बाद बाजार में उनकी अच्छी कीमत वसूली जाती है। इसकी वजह से ये पक्षी अपने वतन को लौट नहीं पाते हैं। ये पक्षी खुले मार्केट में 500 से लेकर 1000 रुपये में बेचे जाते हैं। शिकारी जाल बिछाकर व बंदूक से इसका शिकार करते हैं।
फिलहाल जीयनपुर कोतवाली पुलिस ने ताल सलोना में पक्षियों का शिकार रोकने की कवायद शुरू कर दी है। रविवार को थानाध्यक्ष जितेन्द्र बहादुर सिंह के नेतृत्व एसआइ विश्वजीत पांडेय अजमतगढ़ कस्बे में मौजूद थे। सूचना मिली कि कुछ व्यक्ति ताल सलोना में जाल लगाकर प्रतिबंधित चिड़िया मार रहे हैं। सूचना पर तत्काल वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को सूचित करते हुए पुलिस सलोना ताल पहुंची। वहां ताल के किनारे लगभग 15 की संख्या में लोग नाव से किनारे आते हुए दिख रहे थे। पुलिस वालो को देखकर वह सभी लोग इधर-उधर भागने लगे। फिर भी पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर सभी को पकड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन वह भागने में सफल रहे। नाव पर बैठे व्यक्ति को पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति ने अपना नाम ओमप्रकाश निवासी ग्राम इसरहा, थाना जीयनपुर बताया। उसके बगल मे मौजूद झोले की तलाशी में पांच जीवित प्रतिबंधित पक्षी मिले। पूछताछ में उसने बताया कि हम लोग टिकवा व टिटिहरी चिड़िया को पकड़ते हैं। उसके बाद लोग हमसे चिड़ियो को खरीदकर बाहर ले जाकर बेच देते हैं। पुलिस ने पांच नामजद सहित कई अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
रिपोर्ट-सुबास लाल