देवी भजन के धुन सुन ठिठके पांव, तो दिखी मां की अलौकिक छवि

शेयर करे

आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शहर के मुख्य चौक से गुजने वालों के पांव देवी के भजन सुन और मंदिर की आकर्षक सजावट देख ठिठक जा रहे थे। अंदर जाने की इच्छा बरबस जाग उठी और उसके बाद अनजाने लोगों को पता चल पा रहा था कि दक्षिणमुखी देवी दरबार का वार्षिक श्रृंगार का दिन है। सिद्धस्थल दक्षिणमुखी देवी के वार्षिक श्रृंगार के अवसर पर शनिवार की भोर से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दर्शन के लिए उमड़ पड़ी थी। मंदिर को एक दिन पहले से ही कुछ इस तरह से सजाया गया था कि कार्यक्रम से अनजान लोगों की भी नजर पड़ी तो उनके कदम ठिठक गए। प्रवेश द्वार से लेकर अंदर तक झालरों व फूलों के साथ तरह-तरह के फलों से मंदिर को सजाया गया था। दरबार अलौकिक लग रहा था और लोगों के मुख से बरबस निकल रहा था कि बड़ा प्यारा सजा है दरबार भवानी, भक्तों की लगी है कतार भवानी। इस दौरान छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया गया था। रोज से अलग दिख रही थी मां की झांकी। मां की अलौकिक छवि दिख रही थीं। पास में मोर तो बाहर महाकाल और राम दरबार की झांकी सजाई गई थी। परिसर में स्थित महाबली हनुमान और शिव मंदिरों को भी सजाया गया था।
मान्यता है कि दक्षिणमुखी देवी शहर की चारों दिशाओं से आने वाली मुसीबतों से भक्तों की रक्षा तो करती ही हैं, साथ ही इनके भक्त अगर कहीं और बस गए हैं तो याद करने पर उनकी भी मनोकामना पूरी करती हैं। यानी जिसने भी किया मन से ध्यान उसका पूरा हो जाता है हर काम।
इनका वार्षिक श्रृंगार हर साल जनवरी महीने में किया जाता है, लेकिन तारीख तय नहीं होती इसलिए तमाम लोगों को इसकी जानकारी नहीं हो पाती। सुबह जब इसकी जानकारी हुई तो लोगों के कदम बढ़ चले मंदिर की ओर। जिसे दोपहर में जानकारी मिली उसने शाम को पहुंचकर मां के अलौकिक रूप का दर्शन किया। मंदिर के पुजारी शरद तिवारी ने बताया कि श्रृंगार और छप्पन भोग का प्रसाद रविवार तक रहेगा और उसके बाद विशेष प्रसाद का वितरण किया जाएगा। उधर इस आयोजन को देखते हुए बाहर फूल-माला के साथ प्रसाद और खिलौने व गुब्बारे की दुकानें सजी हुई थीं।
रिपोर्ट-सुबास लाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *