पटवध आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। घाघरा में आई बाढ़ के बीच प्रशासन की तैयारी की भी पोल शुक्रवार को खुल गई। दरअसल जो नाव आवागमन के लिए लगाई गई थी उस पर नाविक नहीं था और एक छात्र दूसरे पार नाव लेने जाते समय घाघरा की शाखा में डूब गया, जबकि उसे डूबता देख दो अन्य छात्र किसी तरह से किनारे पहुंच गए। हादसे की खबर के बाद पहुंची पुलिस ने ग्रामीण और गोताखोरों की मदद से लगभग पौने पांच घंटे बाद छात्र का शव बरामद कर लिया।
घटना सगड़ी तहसील क्षेत्र के मसुरियापुर त्रिमुहानी बांका गांव के पास सुबह हुई। रौनापार थाना क्षेत्र के बांका बूढ़नपट्टी गांव निवासी 18 वर्षीय शिवम साहनी पुत्र शंभू साहनी मसूरियापुर स्थित चंद्रभानु इंटर कॉलेज में दसवीं का छात्र था। रोज की भांति शुक्रवार सुबह स्कूल जाने के लिए घाघरा नदी की शाखा के किनारे छात्रों के साथ वह भी पहुंचा था। किनारे पहुंचने पर पता चला कि नाव दूसरे पार थी। नाव लाने के लिए दो छात्र नदी में कूदे तो पीछे से शिवम भी कूद गया। बीच में पहुंचने पर वह डूबने लगा तो दो अन्य छात्र शोर मचाते हुए किसी तरह से किनारे आए। शिवम के डूबने की सूचना ग्रामीणों ने उसके परिजनों और स्थानीय पुलिस को दी। सूचना पाकर एसओ टीम के साथ मौके पर पहुंचे, तो छात्र के परिजन भी घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। पुलिस ग्रामीणों और स्थानीय गोताखोरों की मदद से छात्र की तलाश में जुट गई। काफी देर मशक्कत के बाद उसका शव बरामद हो सका।
शिवम के पिता शंभूनाथ साहनी अपने बड़े पुत्र संतलाल के साथ रोजी-रोटी के चक्कर में महाराष्ट्र के नासिक में रहते हैं। हादसे के बाद बहन सोनम और माता रूना का रो-रो कर बुरा हाल था। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इसमें प्रशासन की घोर लापरवाही देखने को मिली है। अगर प्रशासन द्वारा यहां नाविक के साथ नाव की व्यवस्था की गई होती, तो ऐसी घटना नहीं होती।
रिपोर्ट-बबलू राय