आठ दिनों तक बही खतरा की लहरें, अब नौ सेमी नीचे पहुंचा जलस्तर

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सगड़ी तहसील के उत्तरी छोर पर बहने वाली सरयू नदी की उफान एक बार फिर मंगलवार से थमने लगी है। जलस्तर में कमी का क्रम गुरुवार को भी बना रहा और आठ दिनों के बाद शुक्रवार को जलस्तर खतरा निशान से नौ मीटर कम रिकार्ड किया गया। जलस्तर कम होने के साथ नावों की संख्या घटाकर 40 से 19 कर दी गई है।
शुक्रवार को सोनौरा में 2, चक्की हाजीपुर में 5, अजगरा मगर्बी में 2, बांका में 1, अराजी अजगरा मगर्बी में 1, देवारा खास राजा में 4 व भदौरा तालुका नैनीजोर में 4 नावों का संचालन हो रहा था।
हालांकि, अभी भी दर्जन भर गांवों के रास्ते डूबने के कारण उसी से होकर आवागमन विवशता बनी हुई है। कारण कि जहां पानी ज्यादा कम हो गया है वहां पर नाव का संचालन मुश्किल हो गया है।
शुक्रवार को जलस्तर खतरा निशान 71.68 मीटर से नौ सेमी नीचे 71.59 मीटर दर्ज किया गया। गुरुवार को यहां का जलस्तर 71.89 मीटर रिकार्ड किया गया था। खेतों में अभी भी पानी होने के कारण हरे चारे की समस्या बनी हुई है। ग्रामीण महुला-गढ़वल बंधे के दक्षिण से अभी भी 5 से 6 किलोमीटर की दूरी तय करके पशुओं के लिए हरा चारा लेकर घर जा रहे हैं। हरैया विकासखंड के 20 विद्यालय अभी भी बंद हैं। इसमें से 6 विद्यालय परिसरों में पानी भरा हुआ है, तो 14 बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। देवारा खास राजा ग्रामसभा के झगरहवा का पुरवा, कोमल का पुरवा, बासू का पुरवा, बगहवा का पुरवा, चक्की हाजीपुर, लाला का पुरवा, पालकी का पुरवा, बांका, बूढ़नपट्टी, सोनौरा, अजगरा मगर्बी, अभ्भन पट्टी, भदौरा, शाहडीह सहित 18 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। वहीं जलस्तर कम होने के साथ झगरहवा, बगहवा और बासू का पुरवा में मध्यम गति से कटान शुरू होने से आसपास के लोग दहशत में हैं। इस बीच 53वें दिन भी तीन बैराजों से छोड़े गए 1,53,859 क्यूसेक पानी से बाढ़ का खतरा बरकरार है। जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट दिख रहा है। 10 बाढ़ चौकियां और 17 राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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