मुबारकपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन का असर भले ही प्रदेश के कई हिस्सों में दिखाई दे रहा हो, मगर आजमगढ़ जनपद के सठियांव ब्लॉक में यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है। यहां के गांवों में पांच साल बीत जाने के बाद भी लोग शुद्ध पेयजल से वंचित हैं।
ग्रामीण कहते हैं कि सरकार की योजना का नाम तो बड़ा है, लेकिन हकीकत में यह पूरी तरह हवा-हवाई साबित हो रही है। लोगों का गुस्सा ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों पर है, जिनकी लापरवाही से ग्रामीण अंचलों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा।
गूजरपार, सिकंदरपुर, रसूलपुर और नुरपुर सराय हाजी जैसे गांव इस योजना की असलियत बयां कर रहे हैं। सिकंदरपुर हैबतपुर में पाइपलाइन डालने के लिए गड्ढे तो खोदे गए, लेकिन उन्हें पाटा नहीं गया। नतीजा यह हुआ कि ग्रामीणों के लिए पानी की बजाय गड्ढों से परेशानियां खड़ी हो गईं। आयेदिन लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
गुजरपार ग्रामसभा के प्रधानपति रामायण यादव का आरोप है कि जल जीवन मिशन के तहत ठेकेदारों ने सरकार से मिले लाखों रुपये का बंदरबांट कर लिया। दो साल बीतने के बाद भी गांव वालों को एक गिलास पानी तक नसीब नहीं हुआ।
रिपोर्ट-मनीष श्रीवास्तव