फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सरकारी कामकाज का भी अजब हाल है। डीएम से गुहार भी बेकार हुई तो ग्रामीण पूरी व्यवस्था पर सवाल उठाने लगे हैं। मामला ऊदपुर ग्रामसभा से जुड़ा है। यहां बारिश से पहले नाले की सफाई ही नहीं की गई और सफाई की रिपोर्ट ब्लाक मुख्यालय पर भेज दी गई। चौंकाने वाली बात तो यह रही कि जिस गांव में अशोक नाम का कोई प्रधान ही नहीं, उस अशोक के सामने सफाई कराने की रिपोर्ट भेजी गई। ग्रामवासियों ने खंड विकास अधिकारी को ज्ञापन देकर शिकायत की थी कि ऊदपुर के लखनऊ-बलिया मार्ग किनार तहसील मोड़ पर नाला जाम पड़ा है। खंड विकास अधिकारी के निर्देश पर ग्राम पंचायत अधिकारी व प्रधान सफाई कर्मियों व जेसीबी के साथ पहुंचे, लेकिन पटिया हटाकर नाले का चेंबर तोड़कर छोड़ दिया। शिकायत का निस्तारण न होने पर जिलाक़धिकारी की अध्यक्षता में होने वाले संपूर्ण समाधान दिवस पर ग्रामीणों ने छह जुलाई को प्रार्थना पत्र दिया। फिर एक बार ब्लाक मुख्यालय मामले के निस्तारण का पत्र पहुंचा। इस पर झूठी रिपोर्ट बनाकर दी गई, जिसमें अशोक कुमार ग्राम प्रधान के समक्ष नाले की सफाई करवाने की बात लिखकर बिना नाला सफाई के रिपोर्ट दे दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत ऊदपुर में आज तक अशोक नाम का कोई ग्राम प्रधान नहीं हुआ। ग्रामीण राजकुमार, विनोद कुमार, ईश्वर चंद, अरुण, उमापति यादव, सुरेश आदि ने बताया कि मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के बाद ब्लाक अधिकारी हरकत में आए और सफाई कर्मियों की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन बिना सफाई किए निकल पड़ी। नाला की सफाई न होते देख पुनः ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र भेजकर गुहार लगाई है। इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी सुरेंद्र नारायन त्रिपाठी ने बताया कि दो दिन की इधर छुट्टी है। उसके बाद स्वयं देखता हूं कि मामला क्या है। निर्देश का अनुपालन न करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय