आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। संजरपुर स्थित एक नर्सिंग होम के चिकित्सकों पर जच्चा-बच्चा की हत्या का आरोप लगाते हुए सोमवार को परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई। शिकायती पत्र सौंपने के पूर्व परिजनों द्वारा एसपी कार्यालय के बाहर नर्सिंग होम के खिलाफ प्रदर्शन कर आक्रोश प्रकट करते हुए दोषी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई।
पुलिस अधीक्षक को सौंपे प्रार्थना पत्र में तहबरपुर थानांतर्गत लेडूवा गांव निवासी रामविचार मौर्य पुत्र विश्वनाथ मौर्य ने आरोप लगाया कि 16 जनवरी को संजरपुर स्थित एक नर्सिंग होम में सेवारत डा सबा शमीम व डा ए. अख्तर व डा नाहीद को अपने पत्नी का प्रसव कराने के लिए परार्मश लेने पहुंचा तो चिकित्सकों ने गर्भवती पत्नी को तत्काल एडमिट कर नार्मल प्रसव कराने की बात कहीं। चिकित्सकों के कथनानुसार एडमिट करा दिया गया लेकिन उसके बाद चिकित्सकों से पत्नी की दशा पूछने पर लगातार नार्मल प्रसव कराने का आश्वासन दिया गया लेकिन अचानक शाम चार बजे चिकित्सकों ने सर्जरी जरूरी बताया। सर्जरी की बात आने पर परिजनों ने कहा कि मुझे मेरी पत्नी से मिलवाईए और किसी भी दशा में प्रसूता और बच्चा सुरक्षीत रहे। चिकित्सकों ने परेशान नही होने और जच्चा-बच्चा दोनों के सुरक्षित होने का दम भरते रहे। शिकायतकर्ता का आरोप है कि नर्सिग होम के चिकित्सकों की लापरवाही, गलत दवा व इंजेक्शन देने के कारण जच्चा-बच्चा दोनों की मृत्यु नर्सिंग होम में हो गई। आनन-फानन में चिकित्सकों ने उसे गुमराह किया और आजमगढ़ शहर ले जाने की बात कहते हुए अपनी कार से घंटो घुमाते रहे और दलालघाट के पास छोड़कर भाग खडे हुए। परिजनों ने इसकी सूचना डायल 112 को दी मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को जिला चिकित्सालय भेजवा दिया। पीड़ित की रिपोर्ट थाना सरायमीर में पंजीकृत हुई लेकिन आज भी उक्त नर्सिंग होम के लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। पीड़ित का आरोप है कि महिला चिकित्सका सबा शमीम, डा ए अख्तर, डा नाहीद द्वारा लगातार उस पर नायाजय तरीके से सुलह समझौता का दबाव बनवाया जा रहा है। पीड़िता ने एसपी से मिलकर उक्त प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार