महराजगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय ब्लाक के महाजी देवारा जदीद जमुनिहवा के ग्रामीणों ने लोक सभा चुनाव में वोट न देने का फैसला किया है। उनका कहना है कि भारत को आजादी मिले 75 साल से अधिक हो चुका है फ़िर भी गोपालपुर विधानसभा का देवारा क्षेत्र विकास के नाम से अछूता रहा है। यहां हर साल बाढ़ व बारिश के समय लोग अपने घरों से निकल तक नहीं पाते और पानी के जीवों से दो चार होना पडता है। कभी कभी तो अपनी जान भी गवानी पड़ जाती है।
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि हर चुनाव में पार्टियों के नेता वोट लेने के लिए आते हैं और तराई क्षेत्र के गावों को मुख्य बंधे से जोड़ने वाले मार्गाें और पुलों का निर्माण का वादा भी करते हैं परंतु वोट लेने के बाद सब कुछ भूल जाते हैं। सांसद, विधायक के जीतने के बाद मिलने पर वे रास्ते व पुल के निर्माण को कभी प्रशासनिक अड़चन बताते हैं तो कभी राजनीतिक अड़चन। ग्रामीणों ने बताया कि चिकनहवां ढाला पुल विगत 17 सालों से इसी उपेक्षा व गैर जिम्मेदाराना रवैये का शिकार हुआ है। कोई भी नेता इसकी बात करना उचित नहीं समझ रहा सिर्फ वोट लेने के लिए संपर्क साधने में लगा है। ग्रामीणों ने गांव के बाहर व बंधे पर रोड नहीं तो वोट नहीं का बैनर-पोस्टर लगाकर वोट का बहिष्कार का निर्णय लिया है। नेताओं का गांव में प्रवेश को वर्जित किया गया है। अब देखना यह है कि प्रशासनिक व राजनीतिक अमला गांव वालों को वादों में फुसला ले जाता है या फिर उनकी समस्याओं का कोई वास्तविक हल भी निकलता है।
रिपोर्ट-राजनरायन मिश्र