आवास योजना में भ्रष्टाचार का वीडियो वायरल

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अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को छत मुहैया कराने की सरकार की मंशा को उस वक्त गहरा झटका लगा, जब विकास खंड अतरौलिया के ग्राम पंचायत सेल्हरापट्टी में आवास के नाम पर धन उगाही का मामला उजागर हुआ। ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पर आरोप है कि वे पात्र लाभार्थियों से सत्यापन के नाम पर 10 से 20 हजार रुपये तक की अवैध वसूली कर रहे हैं। इस भ्रष्टाचार का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला आवास के बदले रुपए देती दिखाई दे रही है।
पीड़ित महिला केवली चाय-समोसे की दुकान चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करती है। उसने बताया कि उनसे 15 हजार रुपये की मांग की गई थी। जब उन्होंने गरीबी का हवाला देते हुए असमर्थता जताई, तब भी ग्राम विकास अधिकारी ने सख्त लहजे में कहा कि पैसा दोगी तभी आवास मिलेगा, नहीं तो नाम काट दिया जाएगा।
इसी गांव के एक अन्य निवासी मंटू ने आरोप लगाया कि उन्होंने पहले 20 हजार ग्राम प्रधान प्रतिनिधि को दिए, फिर दोबारा 20 हजार मांगे गए। कुल 40 हजार देने के बाद उनका आवास स्वीकृत हुआ। मंटू ने कहा कि यह सारा खेल सत्यापन प्रक्रिया के नाम पर किया गया। इस गंभीर प्रकरण पर भाजपा के जिला मंत्री नीरज तिवारी ने नाराजगी जताते हुए कहा, मेरे ही ग्राम सभा की एक महिला से जबरन पैसा वसूला गया, जिसका वीडियो भी उपलब्ध है। मैंने इस पूरे मामले को खंड विकास अधिकारी अतरौलिया के संज्ञान में लाया है और भ्रष्ट अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
नीरज तिवारी ने कहा कि इसी अधिकारी द्वारा अशोक मिश्रा नामक व्यक्ति से भी पैसे की मांग की गई थी, लेकिन उनके हस्तक्षेप पर पैसा नहीं दिया गया। स्थानीय जनता अब यह सवाल उठा रही है कि जब केंद्र और प्रदेश सरकारें समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का दावा कर रही हैं, तो फिर ज़मीनी स्तर पर यह भ्रष्टाचार कब रुकेगा? ग्रामीणों की मांग है कि प्रकरण की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि गरीबों का हक़ छीना न जा सके।
रिपोर्ट-आशीष निषाद

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