पांडेयपुर में बिजली गुल होने से नाराज लोगों सड़क पर उतर आए
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। जिले में बिजली कर्मियों के हड़ताल से स्थिति गंभीर होती जा रही है। आज महेशपुर, भिटारी, सरस्वतीनगर व पांडेयपुर सहित कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप रही। इससे पेयजल का संकट रहा। पांडेयपुर में बिजली गुल होने से नाराज तमाम लोग सड़क पर उतर आए और जाम लगाकर नाराजगी जताई। तमाम इलाकों में हैंडपंप से पानी भरकर काम चला गया। लोग साइकिल या फिर वाहनों की मदद से पानी ले जाते देखे गए। वहीं रामनगर औद्योगिक क्षेत्र में पूरी रात बिजली नहीं रही। चांदपुर औद्योगिक क्षेत्र में भी फॉल्ट व ट्रिपिंग की समस्या बनी रही। इससे औद्योगिक इकाइयों का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इस पर आईआईए के पदाधिकारियों ने नाराजगी जताई है। दूसरी तरफ पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और जिला प्रशासन ने आपूर्ति व्यवस्था को बहाल रखने का प्रयास किया।

उपकेंद्रों का डीएम ने किया निरीक्षण
डीएम एस. राजलिंगम ने छावनी स्थित पन्नालाल पार्क उपकेंद्र का निरीक्षण किया। इसी तरह आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया, मऊ, चंदौली, जौनपुर, मिजार्पुर, सोनभद्र और भदोही में भी बिजली का संकट बना रहा है। आजमगढ़ में पेयजल का संकट रहा। निजीकरण और सेवा शर्तों में कटौती के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का आंदोलन जारी है। इसका असर बिजली आपूर्ति पर पड़ा है। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति कई-कई घंटे तक बाधित रही। बिजली कर्मियों की हड़ताल से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्था की गई है। लेकिन, फॉल्ट को दूर करने के उसे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर के कई फीडरों में फॉल्ट को दूर नहीं किया जा सका। जिसका परिणाम है कि लाखों की आबादी बिजली और पानी को तरस गई।
विभिन्न विद्युत संगठनों ने किया समर्थन
आंदोलन के चौथे दिन शुक्रवार को संघर्ष समिति के सदस्यों ने वाराणसी के भिखारीपुर स्थित हनुमान मंदिर में समझौता पूर्ति यज्ञ का आयोजन किया गया। बिजली अधिकारी, कर्मचारी और संविदा कर्मचारियों ने मिलकर आंदोलन को सफल बनाने के लिए पूर्ति यज्ञ किया। वहीं दूसरी ओर यज्ञ स्थल के आसपास भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही। मंदिर के दोनों गेट पर भी पुलिस के जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी। फायर ब्रिगेड और वज्र वाहन भी बुला लिया गया था। एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार मौके पर मौजूद रहे। अचानक पुलिस फोर्सकी संख्या बढ़ते देख अफसर और कर्मचारी भयभीत नजर आए। शासन के निर्देश पर प्रशासन की ओर से बिजली कर्मियों की हड़ताल से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। काफी हद तक प्रशासन अपने इस मकसद में कामयाब भी हुआ है। जहां फॉल्ट नहीं है वहां तो प्रशासन लोगों को निर्बाध बिजली उपलब्ध करा रहा है लेकिन जहां फॉल्ट है वहां प्रशासन खुद को लाचार पा रहा है।